HimachalPradesh

प्रदेश सरकार ने खरीदी 2123 क्विंटल गेहूं, किसानों के खाते में पहुंचे 1.31 करोड़ रुपये

Cm

शिमला, 4 अगस्त (Udaipur Kiran) । प्रदेश सरकार ग्रामीण आर्थिकी को सशक्त करने और किसानों को प्राकृतिक खेती की ओर प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। सरकार द्वारा किसानों से प्राकृतिक पद्धति से उत्पादित फसलों की सीधे खरीद कर उन्हें उचित दाम उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने सोमवार को बताया कि चालू वित्त वर्ष में 838 किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 2123 क्विंटल गेहूं की खरीद की गई है। इसके एवज में किसानों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के तहत 1.31 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए हैं। इसमें गेहूं के परिवहन के लिए 4.15 लाख रुपये का उपदान भी शामिल है।

प्रवक्ता ने बताया कि इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ने छह जिलों के किसानों से प्राकृतिक पद्धति से उगाई गई 127 मीट्रिक टन कच्ची हल्दी की खरीद 90 रुपये प्रति किलो की दर से की है, जिसके लिए किसानों को कुल 1.14 करोड़ रुपये सीधे उनके बैंक खातों में दिए गए। बीते सीजन में 10 जिलों के 1509 किसानों से प्राकृतिक रूप से उगाई गई 399 मीट्रिक टन मक्की की भी खरीद की गई, जिसके लिए 1.40 करोड़ रुपये किसानों को दिए गए हैं।

प्रवक्ता ने बताया कि चंबा के पांगी उपमंडल को प्राकृतिक खेती उपमंडल घोषित किया गया है। यहां के किसानों से सितंबर के अंतिम सप्ताह से प्राकृतिक पद्धति से उगाई गई 40 मीट्रिक टन जौ की खरीद 60 रुपये प्रति किलो की दर से की जाएगी।

सरकार प्राकृतिक खेती के उत्पादों को ‘हिम भोग’ ब्रांड के तहत बाजार में उपलब्ध करवा रही है, जिसे उपभोक्ताओं से अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। रसायन मुक्त उत्पादों की बढ़ती मांग से किसान भी उत्साहित हैं।

प्राकृतिक खेती के विस्तार के लिए किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। अब तक प्रदेश में 3.06 लाख किसान प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। 3,584 ग्राम पंचायतों की 38,437 हेक्टेयर भूमि प्राकृतिक खेती के तहत लाई गई है और वर्तमान में प्रदेश के 2.22 लाख से अधिक किसान विभिन्न फसलें इस पद्धति से उगा रहे हैं।

सरकार का लक्ष्य इस वित्त वर्ष में एक लाख से अधिक किसानों को इस पद्धति से जोड़ने का है। अब तक प्रदेश के 88 विकास खंडों के 59,068 किसान और बागवान पंजीकरण फॉर्म भर चुके हैं।

प्रवक्ता ने बताया कि सरकार प्राकृतिक उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य भी निर्धारित कर रही है। गेहूं के लिए 60 रुपये प्रति किलो, मक्की के लिए 40 रुपये, कच्ची हल्दी के लिए 90 रुपये और जौ के लिए 60 रुपये प्रति किलो समर्थन मूल्य दिया जा रहा है।

इन प्रयासों से जहां उपभोक्ताओं को शुद्ध और रसायन मुक्त उत्पाद मिल रहे हैं, वहीं किसानों को प्राकृतिक खेती के उत्पादों के बेहतर दाम भी सुनिश्चित हो रहे हैं।

—————

(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

Most Popular

To Top