Jharkhand

महिला सशक्तिकरण और महिला अधिकारों के मुद्दों को लेकर राज्य सरकार गंभीर नहीं : राफिया

फ़ाइल फ़ोटो राफिया नाज़

रांची, 16 जून (Udaipur Kiran) । प्रदेश भाजपा प्रवक्ता राफिया नाज ने कहा कि राज्य महिला आयोग का गठन अब तक नहीं हो पाया है। यह न केवल एक प्रशासनिक विफलता है बल्कि सरकार की महिलाओं के प्रति सोच को भी बेनकाब करता है। अब यह पूरी तरह साफ हो गया है कि सरकार महिला सशक्तिकरण और महिला अधिकारों के मुद्दों को लेकर कतई गंभीर नहीं है।

उन्होंने सोमवार को कहा कि महिला आयोग के अभाव में आज 5,200 से अधिक मामले लंबित हैं, जिनमें यौन शोषण, घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, बाल विवाह और कार्यस्थल पर उत्पीड़न जैसे गंभीर मामले शामिल हैं। राफिया नाज ने बताया कि इन हजारों पीड़िताओं की कोई सुनवाई नहीं हो रही, और उनकी फाइलें सरकारी दफ्तरों में धूल खा रही हैं।

राफिया ने कहा कि महिला अपराधों के तेजी से निपटारे के लिए विशेष अदालतों की स्थापना की घोषणाएं तो हुईं, परंतु जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्य नहीं हुआ। उन्होंने आगे कहा कि महिला पुलिस पिकेट की स्थापना भी राज्य सरकार की घोषणाओं तक ही सीमित रही है। सरकार केवल नारों और घोषणाओं की राजनीति कर रही है।

एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए राफिया ने बताया कि साल 2023 में झारखंड में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 6,313 मामले दर्ज हुए जिसमें बलात्कार के 1,052, छेड़छाड़ के 1,498 और दहेज से जुड़े 890 मामले शामिल हैं। यह चिंता की बात है कि इनमें से आधे से अधिक मामलों में अब तक चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है।

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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे

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