Bihar

ग्रामीणों के सहयोग से समग्र ग्राम सेवा समिति’ द्वारा पाठशाला सह पुस्तकालय’ की शुरूआत 

ग्रामीण पुस्तकालय

सहरसा, 9 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) ।जिले के सिमरी बख्तियारपुर और महिषी प्रखंड के गैमरहो बांध के नीचे बसे बाढ़ प्रभावित गाँव धनोजा, घोघसम, बिसनपुर, सिरवार और वीरवार के स्थानीय लोगों के सहयोग से ‘समग्र ग्राम सेवा समिति’ द्वारा पाठशाला कम पुस्तकालय’ की शुरूआत हुई है।

समग्र ग्राम सेवा समिति’ की इस पहल से ग्रामीणों में उत्साह है।

इस कैम्पेन को डॉ. श्रीमंत जैनेन्द्र ने ‘पानी पर पाठशाला’ नाम दिया है। इसमें बच्चों को पाठ्य-पुस्तकें और स्टेशनरी का समान भी उपलब्ध कराया जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बाढ़ के बावजूद हमारे बच्चों की पढ़ाई अब नही रुकेगी। यह पहल सरकार द्वारा चिन्हित बाढ़ शिविर स्थलों के निकट किया जा रहा है। जब तक शरणार्थी और उनके बच्चे शिविरों में रुकेंगे तब तक इस कैंपेन को जारी रखा जाएगा।

इस कैंपेन से जुड़े कोसी पर रिसर्च कर रहे दिल्ली विश्वविद्यालय के शोधार्थी रमेश कुमार का कहना है कि यह उस ऐतिहासिक पहल है। पंडित जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में इसी तरह का काम एक जमाने में भारत सेवक समाज किया करता था।

अगस्त 1952 में बना भारत सेवक समाज कोसी के इलाके में बांध बनाने और बाढ़ विपदा के समय एन.सी.सी., ए.सी.सी., जिला कांग्रेस कमिटी, बिहार खादी समिति, गुजरात व्यापार मंडल संगठन जैसे संगठनों के साथ जुड़कर काम करती थी। जो कोसी बाढ़ पीड़ितों के बच्चों की शिक्षा और कोसी जन स्वास्थ्य उपचार के लिए कई रचनात्मक पहल को बल देते थे। इसके अतिरिक्त भारतीय सेवक समाज संगठन स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी के बच्चों को भी ऐसे सेवा कार्यों के लिए प्रेरित करती थी।

आज जरूरत है ऐसे विपदा के घड़ी में एन.एस.एस. और एन.सी.सी. आदि संगठन को ऐसे काम के लिए सक्रिय रूप से जोड़ने की। ‘समग्र ग्राम सेवा समिति’ की इस पहल में गुड्डू कुमार शर्मा, निक्कू, अंशु, कृष्णा और मोहनियां-गलफरिया के ग्रामीणवासी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

(Udaipur Kiran) / अजय कुमार

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