
कोलकाता, 11 सितम्बर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री और तृणमूल विधायक परेश अधिकारी तथा उनकी बेटी अंकिता अधिकारी ने गुरुवार को कर्मचारी चयन आयोग( एसएससी) नियुक्ति घोटाला के मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय से खुद को बरी करने की अपील की। उन्होंने अदालत में दावा किया कि वे इस मामले में पूरी तरह निर्दोष हैं।
यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने 2016 की पूरी एसएससी नियुक्ति पैनल को रद्द कर दिया था। इससे करीब 26 हजार अभ्यर्थियों की नौकरी चली गई। न्यायालय के आदेश के बाद जारी अयोग्य अभ्यर्थियों की सूची में अंकिता अधिकारी का नाम भी शामिल था। पिता-पुत्री ने इस मामले से मुक्त करने काे लेकर अदालत में अर्जी दाखिल की है।
गौरतलब है कि, इसी महीने की शुरुआत में दोनों ने अलीपुर की विशेष अदालत में आत्मसमर्पण किया था। कक्षा 11 और 12 के शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में कथित धांधली को लेकर मामला दर्ज है। आत्मसमर्पण के बाद अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी।
परेश अधिकारी और उनकी बेटी पर आरोप है कि अंकिता की राजनीतिक विज्ञान की शिक्षिका के रूप में नियुक्ति गैरकानूनी ढंग से की गई थी और इस नियुक्ति के पीछे पूर्व मंत्री का सीधा प्रभाव था।
जांच के दौरान कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अंकिता की नौकरी रद्द कर दी थी और उन्हें प्राप्त वेतन लौटाने का आदेश भी दिया था। केन्द्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने इस मामले में दोनों से कई बार पूछताछ की है।————————-
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
