Uttar Pradesh

श्रीमहंत सरयू दास महाराज काे किया नमन

श्रीमहंत सरयू दास महाराज काे किया नमन

अयोध्या, 7 जुलाई (Udaipur Kiran) । सुप्रसिद्ध पीठ राघव मंदिर रामघाट, अयोध्याधाम के पूर्वाचार्य श्रीमहंत सरयू दास महाराज की नाैवीं पुण्यतिथि निष्ठापूर्वक मनाई गई। रामनगरी के संत-महंत एवं धर्माचार्यों ने उन्हें श्रद्धापूर्वक याद किया। पुण्यतिथि पर साेमवार काे मठ प्रांगण में एक श्रद्धांजलि सभा आयाेजित हुई। श्रद्धांजलि सभा में अयोध्यानगरी के संत-महंत, धर्माचार्यों ने साकेतवासी महंत के चित्रपट पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। संताें ने उनके कृतित्व-व्यक्तित्व पर प्रकाश भी डाला। पूर्वाचार्य के पुण्यतिथि महाेत्सव पर संत-महंत, भक्तजनों ने प्रसाद ग्रहण किया।

इस अवसर पर राधव मंदिर के वर्तमान पीठाधीश्वर महंत कुलदीप दास ने बताया कि आश्रम में गुरुदेव श्रीमहंत सरयू दास महाराज की 9वीं पुण्यतिथि मनाई गई। पुण्यतिथि महाेत्सव पर अयोध्याधाम के सभी संत-महंत, धर्माचार्य सम्मिलित हुए। जिन्हाेंने साकेतवासी महंत के चित्रपट पर श्रद्धासुमन अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। संताें ने फिर अपनी वाक् पुष्पांजलि अर्पित की। गुरुदेव महाराज विलक्षण प्रतिभा के धनी संत रहे। जिन्हाेंने अयोध्यानगरी में एक विशाल आश्रम का कार्यभार संभाला और उसका सर्वांगीण विकास किया। जहां ठाकुरजी की सेवा संग गाै, संत, विद्यार्थी व आगंतुक सेवा सुचार रूप से चल रही है। सभी उत्सव, समैया, त्याेहार आदि परंपरानुसार मनाया जा रहा है, जिसमें मंदिर से जुड़े शिष्य-अनुयायी, परिकर सम्मिलित होकर पुण्य के भागीदार बनते हैं एवं अपना जीवन कृतार्थ करते हैं। मठ अपने उत्तराेत्तर समृद्धि की ओर अग्रसर है। महाराज श्री गाै व संत सेवी थे। जिनका व्यक्तित्व बड़ा ही उदार था। सरलता ताे उनमें देखते ही झलकती थी। उनका अनुसरण कर मैं आगे बढ़ रहा हूं। जिन्हाेंने सेवा काे ही अपना धर्म माना। सेवा धर्म काे अंगीकार किया। अपने शिष्य-अनुयायियाें काे सेवा का पाठ पढ़ाया। साथ ही धर्म के लिए प्रेरित किया।

उनका मानना था कि सेवा से बढ़कर और कोई धर्म नही है। सेवा ही परमाेधर्मा अर्थात सेवा ही परम धर्म है। उनके मार्गदर्शन में कई सेवा प्रकल्प के कार्य संचालित हुए। जिनमें बहुत से सेवा प्रकल्प के कार्य आज भी चल रहे हैं। उनके अंदर संतत्व के सारे गुण रहे। रामनगरी के सभी संत-महंत उनका आदरपूर्वक सम्मान करते थे। महंत कुलदीप दास महाराज ने आए हुए संत-महंत, धर्माचार्य, विशिष्टजनाें का स्वागत-सम्मान किया। इस अवसर पर महंत रामकृष्ण दास, महंत रामनरेश शरण, महंत उत्तम दास, महंत राममिलन दास, महंत शैलेश दास, पुनीत दास, संत दास आदि संत-महंत, भक्तजन माैजूद रहे।

(Udaipur Kiran) / पवन पाण्डेय

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