
वाराणसी, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । वाराणसी के दुर्गाकुंड क्षेत्र में प्रभु श्री राम के मंदिर को तुलसी मानस मंदिर के नाम से जाना जाता है। इसी मानस मंदिर में सात दिनों तक चलने वाले झूलनोत्सव में श्री कृष्ण की लीला की झांकियां लगाई गई है। श्री कृष्ण के लीला की झांकियां देखने के लिए बीते दो दिनों में बच्चों में खासा उत्साह है। इस बार स्वतंत्रता दिवस और उसके दूसरे दिन श्री कृष्ण जन्माष्टमी होने के कारण मानस मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने की पूरी संभावना है।
वैसे तो वाराणसी आने वाला हर दूसरा पर्यटक तुलसी मानस मंदिर देखने आता है, जिसके कारण यहां पूरे वर्ष भीड़ बनी रहती है। भगवान श्री राम में आस्था रखने वाले तीर्थ श्रद्धालु भी यहां अवश्य आते हैं। सन् 1964 में निर्मित मानस मंदिर के दीवारों पर श्री रामचरितमानस के दोहे और चौपाइयां लिखी हुई है। जो देखने में बेहद मनमोहक दिखते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने शब्दों में मानस मंदिर की भव्यता की तारीफ की थी।
रामनवमी और श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर मानस मंदिर में विशेष उत्सव मनाया जाता है। मंदिर समिति से जुड़े हुए लोगों की मानें तो श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाने के लिए मुहूर्त के अनुसार विशेष पूजन व्यवस्था की जाती है। श्री कृष्ण जन्माष्टमी के तीन दिन पहले से झांकी लगाई गई है। जिसे स्थानीय कलाकार पूरे मनोयोग से तैयार किए हैं। झांकी लगने के साथ ही यहां पर उसे देखने वाले परिवारों का आना शुरू हो गया है। भगवान श्री कृष्ण के जन्म से लेकर राक्षसों के वध तक, मथुरा से लेकर द्वारिका तक की लीलाओं को यहां देखा जा सकता है।
– ऐसे पहुंचेंगे मानस मंदिर
दुर्गाकुंड स्थित मां दुर्गा और संकट मोचन हनुमान मंदिर के बीच में मानस मंदिर स्थित है। शुक्रवार, शनिवार और छुट्टी के दिनों में यहां परस्पर भीड़ बनी रहती है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से गोदौलिया होते हुए दुर्गाकुंड पहुंच जाता है। वही वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन अथवा वाराणसी बस स्टेशन से सिगरा, रथयात्रा होते हुए दुर्गाकुंड पहुंचते हैं।
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(Udaipur Kiran) / श.चन्द्र
