RAJASTHAN

संकेत प्रणाली की सुरक्षा के लिए बनाए विशेष मानक

बरसात के समय  सिग्नल फैलियर के कारण रेल संचालन बाधित होने की घटना के रोकथाम के लिए विशेष व्यवस्था

जयपुर, 1 जुलाई (Udaipur Kiran) । रेल पटरियों में जल भराव या सिग्‍नलिंग उपकरणों के भवनों में पानी के रिसाव के कारण सिग्नल या ट्रैक सर्किट फैलियर होने पर रेल संचालन बाधित होता है। अतः मानसून के समय रेलवे संकेत प्रणाली की सुरक्षा में बरती जाने वाली सावधानियों का मानकीकरण किया गया है।

रेल पटरियों के आस पास जल भराव के कारण ट्रैक सर्किट, पॉइंट्स मशीन, केबल आदि क्षतिग्रस्त होने की संभावना होती है। साथ ही रिले रूम, केबिन इत्यादि में बरसात के पानी के रिसाव से सिग्नल फैलियर होने से रेल यातायात प्रभावित होता है।

उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अमिताभ ने सिग्नल उपकरणों की सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए हैं। अतः उत्तर पश्चिम रेलवे पर मानसून के समय सिगनलिंग प्रणाली की सुरक्षा के लिए बरती जाने वाली सावधानियों का मानकीकरण किया गया है।

इसके अंतर्गत मानसून के समय ट्रैक सर्किट और अन्य सिगनलिंग उपकरणों के नजदीक जल भराव और उपकरण कक्षों में पानी के रिसाव को रोकने के लिए आसपास की नालियों की सफाई तथा रिले रूम इत्यादि की युद्ध स्तर पर मरम्मत का कार्य किया गया है। साथ ही 46 स्टेशनों के यार्ड में एमएसडीएसी (मल्टी सेक्शन डिजिटल एक्सेल काउंटर) उपकरण को ट्रैक सर्किटों के समानांतर लगाया गया है। जिसके कारण बारिश का पानी ट्रैक में भरने पर ट्रैक सर्किट फेल्योर के कारण भी ट्रेने लेट नहीं होंगी। 10 अन्य स्टेशनों पर भी एमएसडीएसी लगाने की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है । एमएसडीएसी एक सिग्नलिंग उपकरण है, जो किसी स्टेशन या यार्ड में पॉइंट ज़ोन सेक्शन सहित कई लाइनों के लिए ट्रैक खाली होने का एक साथ पता लगाने के लिए डिज़ाइन किया गया है । एमएसडीएसी उपकरण डबल डिटेक्शन सुविधाएँ प्रदान करता है । इस उपकरण को लगाने से यार्ड में पानी भरने के कारण ट्रैक सर्किट फेल होने के बावजूद ट्रेनों का संचालन संभव हो पाता है।

इसके अतिरिक्त उपकरणों के सभी तरह के इंसुलेशन को जांच कर आवश्यकतानुसार बदला गया है। संवेदनशील स्थानों पर पूर्व के जलभराव के आंकड़ों के आधार पर जंक्शन बॉक्स के स्तर को ऊंचा किया गया है। साथ ही ट्रैक फीड चार्जर फैलियर अलार्म लगाए गए हैं। स्वतः बहाल होने वाले पीपीटीसी फ्यूज लगाए गए हैं। पॉइंट्स मोटर्स की सही सीलिंग की जांच, सही ग्रीसिंग और ऑयलिंग की जांच की गई है। नए मानक के अनुसार पहली बरसात के बाद सभी सिग्नल इकाइयों की पुनः जांच करना आवश्यक है। रिले रूम, पैनल रूम, बैटरी रूम इत्यादि की छतों में पानी इकट्ठा नहीं होने के लिए सभी उपाय किए जाते हैं। सभी पावर सप्लाई उपकरणों की जांच के साथ स्टैंड बाय व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाती है।

सभी सिगनलिंग केबल, कंडक्टर्स की जांच कर सही अर्थिंग और इंसुलेशन को सुनिश्चित किया जाता है और आपातकाल के लिए अतिरिक्त केबल और उपकरणों का स्टॉक रखा जाता है। सभी उपकरणों की सही अर्थिंग के साथ साथ उनपर आसमानी बिजली से सुरक्षा के उपाय भी किए जाते हैं। इसी तरह संचार उपकरणों जैसे ओएफसी, टेलीफोन आदि की भी विशेष जांच की जाती है। भारी बारिश के समय अतिरिक्त रात्रिकालीन स्टाफ मय वाहन नियुक्त किए जाते है । साथ ही तैयारियों की जांच के लिए समय-समय पर मॉक ड्रिल भी किए जाते हैं

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(Udaipur Kiran) / राजीव

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