Bihar

विशेष पोस्को कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को दी बीस साल सजा

अररिया फोटो:अररिया सिविल कोर्ट

अररिया, 19 जुलाई (Udaipur Kiran) ।

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश षष्टम सह विशेष न्यायाधीश पोस्को कोर्ट अजय कुमार की न्यायालय ने शनिवार को नाबालिग बलात्कार की शिकार पीड़िता के साथ यौन शोषण के अपराध में संलिप्त दोषी को सजा सुनाई।चाकू के नोंक पर दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने वाले दोषी को बीस साल की सश्रम कारावास के साथ बीस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई।

न्यायालय ने दोषी को भादवि की धारा 376 (3) और 4 पोस्को एक्ट में अंतर्गत दोषी करार दिया और बीस वर्षो के सश्रम कारावास के साथ बीस हजार रुपये अर्थदंड की सजा मुक्करर किया। न्यायालय ने जुर्माने की रकम अदा नहीं करने पर दोषी को एक महीने महीने तक की अतिरिक्त सजा भुगतने का भी आदेश अपने निर्णय में दिया। सजा पाने वाला अररिया नगर थाना क्षेत्र के बहरदार टोला के वार्ड संख्या 9 निवासी दोषी मनोज बहरदार पिता मांगन बहरदार है।

न्यायालय ने विक्टिम कंपनसेशन एक्ट के अंतर्गत पीड़िता के पक्ष में दो लाख रुपए क्षतिपूर्ति देने का भी आदेश अपने निर्णय में दिया। जो कि फिक्स्ड डिपॉजिट किया जाएगा और घटना से उत्पन्न पीड़िता के बच्चे के बालिग होने पर उस फिक्स्ड डिपॉजिट की रकम दी जाएगी । न्यायालय ने विशेष पोस्को वाद संख्या 29/2020 में सजा सुनाई, जो कि अररिया महिला थाना कांड संख्या 67/2020 से संबंधित है और इसके सूचक पीड़िता के मां है।

दर्ज कराई गई प्राथमिकी में 15 वर्षीया नाबालिग की मां ने बताया था कि दोषी मनोज बहरदार का पीड़िता के साथ सोये हुई अवस्था में 27 जुलाई 2020 को रात्रि में चाकू का भय दिखा कर उससे जोर जबरदस्ती बलात्कार की घटना को अंजाम दिया। हालांकि मुकदमे के दोषी मनोज बहरदार से बाद में पीड़िता की शादी संपन्न हो गई, परंतु न्यायालय ने पीड़िता के शारीरिक और मानसिक क्षतिपूर्ति को देखते हुए सजा सुनाई ।

सजा की बिंदु पर अधिवक्ता पंकज कुमार और सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक पोस्को अधिनियम श्याम लाल यादव ने न्यायालय के समक्ष अपनी अपनी दलीलें रखी। दोनों ही पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने जान बूझकर कर किए गए जघन्य अपराध का दोषी करार देते हुए की सश्रम कारावास और बीस हजार रुपये के अर्थ दंड की सजा सुनाई।

(Udaipur Kiran) / राहुल कुमार ठाकुर

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