West Bengal

राज्य में दो नवंबर से शुरू हो सकता है विशेष गहन पुनरीक्षण, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उठाए गंभीर सवाल

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

पूर्व मेदिनीपुर, 09 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । पश्चिम बंगाल में आगामी दो नवंबर से विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) शुरू हो सकता है। गुरुवार को कोलाघाट में पूर्व मेदिनीपुर, बांकुड़ा और झाड़ग्राम जिलों के बीएलओ और ईआरओ-एईआरओ अधिकारियों के साथ हुई महत्वपूर्ण बैठक में निर्वाचन आयोग ने इस बात के संकेत दिए।

बैठक के तुरंत बाद प्रदेश सचिवालय नवान्न से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि बैठक के नाम पर आयोग बीएलओ अधिकारियों को धमका रहा है। राज्य सरकार को अलग रखकर कुछ अधिकारियों के साथ बैठक की जा रही है।

ममता बनर्जी ने आगे राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ मनोज अग्रवाल) पर भी बड़े आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि राज्य के सीईओ पर कई आरोप हैं। समय आने पर सब बताऊंगी। वह खुद भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।

मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि जब अभी तक चुनाव की घोषणा ही नहीं हुई, तो आयोग किस आधार पर जिलों में जाकर बैठक कर रहा है? उन्होंने खुद ही जवाब देते हुए दावा किया कि एसआईआर के नाम पर एनआरसी लागू करने की कोशिश की जा रही है।

ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि एसआईआर के नाम पर मतदाता सूची से नाम काटने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि असम सरकार कैसे बंगाल के नागरिकों को नोटिस भेज सकती है?और पूरी प्रक्रिया पर आयोग की निष्पक्षता पर भी प्रश्न उठाए।

मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी, “एसआईआर शुरू होने से पहले ही भाजपा के एक मंत्री कह रहे हैं कि डेढ़ करोड़ नाम काटे जाएंगे। आयोग से हम निष्पक्षता की उम्मीद करते हैं। लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों की भूमिका होती है। अगर किसी मतदाता (चाहे वह राजवंशी हो या मतुआ) का नाम गलत तरीके से काटा गया, तो उसका पलटवार होगा।”

उन्होंने आगे कहा कि संविधान ने आम लोगों को अधिकार दिया है, और “हम उन अधिकारों को छीनने नहीं देंगे।”

इसके साथ ही ममता बनर्जी ने लगातार दूसरे दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला बोला और उन्हें “मीर जाफर” कहा। उन्होंने आरोप लगाया, “मैंने खुद सुना है कि गृह मंत्री ने एक बैठक में निर्देश दिया कि कई नाम काट दिए जाएं। सवाल यह है कि वे होते कौन हैं किसी का नाम काटने वाले?”

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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय

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