Madhya Pradesh

पर्यावरण-वायु गुणवत्ता में सुधार और जल संचयन के क्षेत्र में इंदौर की देश में विशेष पहचानः डॉ. अफरोज

एनजीटी की प्रिंसिपल बेंच के सदस्य डॉ. अफरोज ने की समीक्षा

– एनजीटी की प्रिंसिपल बेंच के सदस्य डॉ. अफरोज ने की समीक्षा, पंचायतों में प्राकृतिक संसाधनों का डाटाबेस तैयार करने के दिए निर्देश

इंदौर, 23 जून (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) की प्रिंसिपल बेंच के सदस्य डॉ. अफरोज अहमद ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण एवं सुधार, वायु गुणवत्ता में सुधार और जल संचयन के क्षेत्र में इंदौर की देश में विशेष पहचान है। यह देश का मॉडल शहर है। यहां विगत कई वर्षों से अनेक उल्लेखनीय कार्य और नवाचार हो रहे हैं। इसे और आगे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इंदौर जिले में सभी ग्राम पंचायत में प्राकृतिक संसाधनों का डेटाबेस तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि एनजीटी अपने आदेशों एवं निर्देशों में इंदौर मॉडल का उल्लेख भी कर रहा है।

डॉ. अफरोज अहमद की अध्यक्षता में सोमवार को यहां जिला पर्यावरण समिति की बैठक सम्पन्न हुई। इस बैठक में कलेक्टर आशीष सिंह, नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिद्धार्थ जैन, एमपीआईडीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हिमांशु प्रजापति सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

बैठक में बताया गया कि जारी वर्ष 2025 के लिए जिला पर्यावरण प्लान बन गया है। इस प्लान में वेस्ट मैनेजमेंट, वायु गुणवत्ता, वेटलैंड मैनेजमेंट, वृक्षारोपण आदि पर विशेष ध्यान देने का प्रावधान रखा गया है। जानकारी दी गई की 432 जल संरचनाओं को परियोजना में वेटलैंड मैनेजमेंट प्लान के तहत शामिल किया गया है।

डॉ. अफरोज अहमद ने कहा कि जिले में ग्राम पंचायत वार प्राकृतिक संसाधनों की मैपिंग कर डेटाबेस बनाएं। इसमें जल सरंचना, वृक्ष, पहाड़ आदि की जानकारी सम्मिलित हो। उन्होंने कहा कि सभी तालाबों का सीमांकन भी कराया जाए। वृक्षारोपण अभियान के तहत लग रहे पौधों की सुरक्षा, रखरखाव और संधारण के लिए भी ग्रामवार समिति बनाई जाना चाहिए। बैठक में उन्होंने कहा कि ग्रीन बेल्ट सुरक्षित रहे इसके लिए विशेष प्रयास हो। पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाना चाहिए। इंदौर में हरित क्षेत्र की वृद्धि के लिए भी विशेष प्रयास किए जाएं। बताया गया कि जिले में इस वर्ष 20 लाख पौधे लगाए जाने का लक्ष्य है।

डॉ. अफरोज ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं की रोकथाम के लिए व्यापक जन जागरूकता अत्यंत जरूरी है। बैठक में कलेक्टर आशीष सिंह ने जिले में पर्यावरण संरक्षण और वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कान्ह नदी के सुधार के लिए किये जा रहे प्रयासों के बारे में भी बताया।

बैठक में पर्यावरण से जुड़े विभिन्न विषयों पर भी चर्चा की। बैठक में बताया गया कि इंदौर में वर्षा जल संचयन का कार्यक्रम व्यापक स्तर पर चल रहा है। इसके लिए जल गंगा संवर्धन अभियान भी चलाया जा रहा है। बैठक में शिप्रा एवं कान्ह नदी किनारे के गांवों में घरेलू तरल अपशिष्ट प्रबंधन की कार्य योजना के संबंध में तथा जिले में किये गए वृहद वृक्षारोपण कार्य की जानकारी दी गई।

(Udaipur Kiran) तोमर

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