
धमतरी, 14 नवंबर (Udaipur Kiran) । बाल दिवस के अवसर पर आयुष विभाग जिला धमतरी द्वारा शहर में विशेष स्वर्ण प्राशन संस्कार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। “बच्चों के उज्जवल भविष्य निर्माण में आयुर्वेद का वरदान” थीम पर आधारित यह कार्यक्रम सरस्वती शिशु मंदिर धमतरी में बड़े उत्साह और पारंपरिक गरिमा के साथ सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महापौर रामू रोहरा ने एक बालिका को स्वर्ण प्राशन का सेवन कराकर संस्कार का शुभारंभ किया। मौके पर जन्म से लेकर 16 वर्ष तक के लगभग 1000 बच्चों को स्वर्ण प्राशन कराया गया। इस अवसर पर बच्चों ने गीत-संगीत की मनोरम प्रस्तुतियाँ दीं तथा राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् का सामूहिक गायन किया, जिसमें अतिथि एवं उपस्थित जन भी शामिल हुए।
महापौर रोहरा ने बच्चों को बाल दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि स्वर्ण प्राशन एक प्राचीन और प्रभावी आयुर्वेदिक पद्धति है, जो बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ बुद्धि, स्मरण शक्ति, पाचन तंत्र और संपूर्ण शारीरिक-मानसिक विकास में अत्यंत सहायक होती है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के इन लाभों का महत्व बच्चे बड़े होकर और अधिक समझ पाएंगे।
कार्यक्रम की सफलता से उत्साहित महापौर ने आयुष विभाग को बधाई देते हुए भविष्य में जिले में ऐसे शिविरों के आयोजन के लिए 1 लाख रुपये की घोषणा की, ताकि अधिक से अधिक बच्चों को आयुर्वेदिक सेवाओं का लाभ मिल सके।
इस अवसर पर डॉ. पचौरी ने विभागीय प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि स्वर्ण प्राशन में शुद्ध स्वर्ण, गोघृत, शहद, अश्वगंधा, ब्राह्मी, वचा, गिलोय और शंखपुष्पी जैसी औषधियों का उपयोग किया जाता है। यह पूर्णतः सुरक्षित है तथा बच्चों को सर्दी-जुकाम और मौसमी बीमारियों से बचाने में कारगर सिद्ध होता है।
विद्यालय की प्राचार्य साहू ने स्कूल की गतिविधियों और सहयोग संबंधी जानकारी साझा करते हुए कार्यक्रम की सराहना की। कार्यक्रम में आयुष विभाग के अधिकारी, शिक्षक, अभिभावक और बड़ी संख्या में बच्चे उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा