नई दिल्ली, 9 सितंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में पुलिस ने नेपाल के रहने वाले एक नागरिक को गिरफ्तार किया है, जो भारतीय सिम कार्ड को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के गुर्गों को उपलब्ध कराता था। जांच में खुलासा हुआ है कि ये सिम कार्ड पाकिस्तान से व्हाट्सएप पर जासूसी गतिविधियों और अन्य भारत विरोधी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल हो रहे थे।
स्पेशल सेल के डीसीपी अमित कौशिक ने मंगलवार को बताया कि गुप्त जानकारी के आधार पर पता चला कि पाकिस्तान स्थित आईएसआई के गुर्गें भारतीय मोबाइल नंबरों का दुरुपयोग कर रहे हैं। सूचना को पुख्ता कर एक टीम का गठन किया गया। पुलिस टीम ने लक्ष्मी नगर में दबिश दी और संदिग्ध व्यक्ति को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसकी पहचान बिरगंज नेपाल निवासी प्रभात कुमार चौरसिया (43) के रूप में हुई। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर कई आपत्तिजनक डिजिटल डिवाइस और सिम कार्ड के खाली पैकेट बरामद किए। जांच में पता चला कि आरोपित ने अपने आधार कार्ड का उपयोग करके 16 सिम कार्ड (एयरटेल और जियो) निकाले थे। जिनमें से 11 पाकिस्तान के लाहौर, बहावलपुर समेत कई शहरों से व्हाट्सएप पर सक्रिय पाए गए।
जांच में सामने आया कि प्रभात चौरसिया की मुलाकात 2024 में काठमांडू एक व्यक्ति के जरिए आईएसआई के गुर्गों से हुई थी। उसे अमेरिका का वीज़ा और पत्रकारिता के क्षेत्र में विदेश में अवसर दिलाने का लालच दिया गया। इसके बदले में उससे भारतीय सिम कार्ड मुहैया कराने और डीआरडीओ व भारतीय सेना से जुड़ी सूचनाएं इकट्ठा करने का काम सौंपा गया। आगे जांच में पता चला है कि आधार कार्ड जो लातूर (महाराष्ट्र) पते पर बना था, उसका उपयोग कर उसने बिहार और महाराष्ट्र से सिम कार्ड खरीदे। सक्रिय होने के बाद ये सिम कार्ड नेपाल के रास्ते आईएसआई तक पहुंचाए गए। इन नंबरों पर पाकिस्तान से व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर भारतीय सेना के जवानों से संपर्क साधने और संवेदनशील सूचनाएं जुटाने की कोशिश की जाती थी।
डीसीपी के अनुसार प्रभात कुमार चौरसिया का जन्म 1982 में नेपाल में एक साधारण परिवार में हुआ था। उसने नेपाल में मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की और बिहार के मोतिहारी से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की और बाद में सूचना प्रौद्योगिकी में बीएससी की डिग्री के साथ-साथ कंप्यूटर हार्डवेयर और नेटवर्किंग में डिप्लोमा भी हासिल किया। पेशेवर रूप से उसने पुणे, लातूर, सोलापुर और दिल्ली में दवा क्षेत्र में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव और एरिया सेल्स मैनेजर के रूप में काम किया। 2017 में उसने काठमांडू, नेपाल में नियो टर्मिनल एंड लॉजिस्टिक्स कंपनी प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की जो भारी वित्तीय घाटे के कारण बंद हो गई।
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(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी
