
सोनीपत, 6 सितंबर (Udaipur Kiran) । सोनीपत
में यमुना नदी का जलस्तर शनिवार को अब कम होना शुरू हो गया है। ग्रामीणों ने राहत की
सांस ली है, लेकिन नुकसान इतना गहरा है कि हालात सामान्य होने में समय लगेगा। बाढ़
और भारी बारिश से लगभग 20 हजार एकड़ फसल बर्बाद हो गई है। खेत कटकर यमुना में समा गए
हैं और धान, सब्जी, स्वीट कॉर्न सहित कई फसलें सड़ चुकी हैं। इससे किसानों पर लाखों
रुपये का घाटा पड़ा है और मजदूरों की रोजी-रोटी पर भी असर हुआ है।
सोनीपत
में यमुना का जलस्तर बागपत गौरीपुर पुल से मापा जाता है। पिलर पर 216.5 गेज को खतरे
का निशान माना जाता है। वर्तमान में पानी खतरे के निशान से नीचे है और ग्रामीणों ने
बताया कि स्तर करीब 5-6 फीट घटा है। गन्नौर के बेगा गांव में भी पानी कम हुआ है, तटबंध
से उतरने लगा है, यमुना भंडारे में के बीच से बह रही है। सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन
यमुना किनारों पर पत्थरों की ठोकरें लगा रहा है।
बाढ़
से बांध के भीतर खेत समतल हो गए हैं और पहचानना मुश्किल है कि किसका खेत कहां था। प्रगतिशील
किसानों को स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न की फसल से प्रति एकड़ लाखों रुपये का नुकसान
हुआ है। राई और कुंडली इलाके में भी मक्का की फसल चौपट हो गई है। अब किसान गिरदावरी
और मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
भटगांव
समेत कई गांवों में घरों और गलियों में पानी भरा हुआ है। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री
को ज्ञापन भेजकर पानी निकासी की मांग की है। टोकी मनौली गांव का सरकारी स्कूल जलभराव
के कारण बंद पड़ा है। पिछले पांच दिनों से बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। मौसम विभाग
ने 8 सितंबर को हल्की बारिश की संभावना जताई है।
डीसी
सुशील सारवान ने कहा कि प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। गन्नौर और टोकी मनौली क्षेत्र
का निरीक्षण किया गया है। किसी तरह की जानमाल की क्षति नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने
कहा कि गिरदावरी का कार्य जल्द शुरू होगा और क्षति पूर्ति पोर्टल खोला जाएगा। ग्रामीणों
को खाद्य सामग्री और आवश्यक मदद उपलब्ध कराई जा रही है।
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(Udaipur Kiran) शर्मा परवाना
