
धमतरी, 28 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ राज्य एक नवंबर को अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण कर रजत महोत्सव मना रहा है। इन 25 वर्षों में प्रदेश ने विकास के अनेक क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। विशेषकर महिलाओं और बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए संचालित योजनाओं ने समाज की दिशा और दशा दोनों को बदलने का कार्य किया है। धमतरी जिले में इन योजनाओं के सकारात्मक परिणाम साफ नजर आ रहे हैं। हजारों हितग्राही इन योजनाओं से लाभान्वित होकर आत्मनिर्भरता और सशक्त भविष्य की ओर अग्रसर हैं।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना वर्ष 2005-06 से निरंतर चल रही है, जिससे जिले में अब तक 2066 हितग्राही लाभान्वित हुए हैं। नोनी सुरक्षा योजना के अंतर्गत 6316 बेटियों को शिक्षा और भविष्य के लिए वित्तीय संबल मिला है। सुकन्या समृद्धि योजना (2015) से 44,182 बालिकाएं लाभान्वित होकर आर्थिक रूप से सशक्त बनी हैं, वहीं दिशा दर्शन योजना के माध्यम से 892 हितग्राही शिक्षा और रोजगार के अवसर प्राप्त कर चुके हैं। हाल ही में प्रारंभ हुई महतारी वंदन योजना (2024) ने मातृत्व सुरक्षा और पोषण के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाया है। धमतरी जिले में अब तक 2,31,662 हितग्राही इससे लाभान्वित हुए हैं। इसके साथ प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (2017) से 58,822 महिलाओं ने सुरक्षित मातृत्व की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।
महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए महिला कोष ऋण योजना (2003-04) से 1494 तथा महिला कोष सक्षम योजना (2009-10) से 147 महिलाओं को आर्थिक सहयोग मिला है। बाल कल्याण के क्षेत्र में मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना (2009) से 1129 बच्चों को शैक्षिक सहयोग प्राप्त हुआ है, वहीं पूरक पोषण आहार योजना (2025) से 65,433 हितग्राहियों को पोषण सुरक्षा मिली है। इन योजनाओं ने जिले में महिलाओं और बच्चों के जीवन स्तर में उल्लेखनीय सुधार किया है। छत्तीसगढ़ के रजत महोत्सव के इस अवसर पर यह कहना उचित होगा कि पिछले 25 वर्षों में प्रदेश ने महिला एवं बाल कल्याण के क्षेत्र में नई मिसाल कायम की है।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा