श्रीनगर, 7 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में बारिश के साथ केंद्र शासित प्रदेश के कई ऊँचे इलाकों में मंगलवार को ताज़ा बर्फबारी हुई जिससे तापमान में गिरावट आई। गुलमर्ग में इस मौसम का पहला शून्य से नीचे का तापमान दर्ज किया गया जिससे क्षेत्र में सर्दी का मौसम जल्दी शुरू हो गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार साधना टॉप में लगभग 18-20 इंच, पीर की गली में 12-15 इंच, सिंथन टॉप में 14-18 इंच और ज़ोजिला दर्रे में 6-7 इंच बर्फबारी हुई। सोनमर्ग (2-3 इंच) और पहलगाम (1-2 इंच) जैसे पर्यटन स्थलों पर भी हल्की बर्फबारी हुई।
अधिकारियों ने बताया कि ज़ोजिला दर्रे में शून्य से नीचे 8.0 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया जो इस मौसम की सबसे ठंडी रात थी।
प्रसिद्ध स्की रिसॉर्ट गुलमर्ग आज सुबह शून्य से नीचे 0.4 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ काँप उठा जो अक्टूबर की शुरुआत में घाटी का पहला ऐसा स्टेशन बन गया जहाँ तापमान शून्य से नीचे दर्ज किया गया। इसके विपरीत पहलगाम में न्यूनतम तापमान 0.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
जानकारी के अनुसार कोकरनाग के लारनू और डाकसुन इलाकों में ताज़ा बर्फबारी से सेब के बागों और बिजली आपूर्ति लाइनों को व्यापक नुकसान पहुँचा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि बर्फ के भार से कई पेड़ उखड़ गए जिससे बिजली और सड़क संपर्क आंशिक रूप से बाधित हुआ।
स्वतंत्र मौसम पूर्वानुमानकर्ता फैज़ान आरिफ केंग ने कहा कि आज जम्मू-कश्मीर में मौसम ज़्यादातर शुष्क रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि कुछ जगहों पर दोपहर तक बारिश जारी रह सकती है खासकर किश्तवाड़, डोडा, अनंतनाग के कुछ हिस्सों, रामबन, उधमपुर और कठुआ ज़िलों में। इसके बाद मौसम शुष्क रहेगा।
उन्होंने आगे कहा कि कुछ इलाकों में हल्की बारिश की संभावना के अलावा 20 अक्टूबर तक पूरे जम्मू-कश्मीर में शुष्क मौसम बना रहने की उम्मीद है।
इस बीच कश्मीर और जम्मू के मैदानी इलाकों में भारी बारिश हुई जिससे दिल्ली दरबार रेस्टोरेंट के पास और अनंतनाग में मुख्य केपी रोड पर सड़कों पर पानी भर गया जिससे सुबह-सुबह पैदल और वाहनों की आवाजाही बाधित हुई। नगर निगम के कर्मचारी सुचारू मार्ग बहाल करने के लिए जमा पानी को साफ करते देखे गए।
यातायात विभाग और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे ऊँचाई वाले दर्रों की ओर जाने से पहले सड़क की स्थिति की जाँच कर लें क्योंकि बर्फ जमा होने के कारण कई रास्ते फिसलन भरे और जोखिम भरे हो गए हैं।
(Udaipur Kiran) / सुमन लता
