HimachalPradesh

तीन साल में बिलासपुर में एचआरटीसी के छह रूट बंद

शिमला, 21 अगस्त (Udaipur Kiran) । बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र में पिछले तीन वर्षों के दौरान हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) ने अपने छह बस रूट बंद कर दिए हैं। यह जानकारी उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विधानसभा में विधायक त्रिलोक जंबाल के सवाल के लिखित उत्तर में दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस अवधि में बिलासपुर हलके में निजी क्षेत्र द्वारा संचालित किसी भी बस रूट को बंद नहीं किया गया है।

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि जिन रूटों को बंद किया गया है, उनमें बिलासपुर डिपो के तहत जाहू-शिमला और बिलासपुर-जाहू रूट, सुंदरनगर डिपो का सुंदरनगर-व्यास रूट, पालमपुर डिपो का पालमपुर-दिल्ली वाया सुजानपुर-हमीरपुर-भगेड़ वोल्वो बस रूट, रिकांगपिओ डिपो का शिमला-दियोटसिद्व रूट और जोगिंद्रनगर डिपो का जोगिंद्रनगर-दिल्ली वोल्वो बस रूट शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन रूटों को बंद करने के पीछे मुख्य कारण कम ऑक्यूपैंसी, संसाधनों की कमी और जीआरएपी के दिशानिर्देश रहे हैं। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि भविष्य में इन रूटों को बहाल करना संसाधनों की उपलब्धता और व्यावहारिक परिस्थितियों पर निर्भर करेगा।

इसी बीच विधानसभा में ठियोग से विधायक कुलदीप सिंह राठौर के सवाल का जवाब देते हुए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि शिमला शहर में भीड़-भाड़ कम करने के मकसद से उद्यान विभाग को ठियोग स्थानांतरित करने का कोई प्रस्ताव इस समय सरकार के विचाराधीन नहीं है।

वहीं, चुराह से विधायक हंसराज के सवाल के लिखित जवाब में स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल ने सिविल अस्पताल तीसा की स्थिति पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अस्पताल में चिकित्सकों के 14 पद स्वीकृत हैं, लेकिन केवल 4 ही चिकित्सक कार्यरत हैं। यहां औसतन एक दिन में 135 मरीज ओपीडी में आते हैं और पिछले एक साल में 82 मरीजों को बड़े अस्पतालों में रेफर किया गया है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में लैब तकनीशियन के तीन पद खाली होने के कारण सरकारी लैब कार्यशील नहीं है और वर्तमान में आउटसोर्स के आधार पर एक कृष्णा लैब संचालित है। इस लैब में पिछले एक वर्ष में 5370 मरीज पहुंचे और उनके 41,348 टेस्ट किए गए।

स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि सिविल अस्पताल तीसा में रेडियोलॉजिस्ट की उपलब्धता न होने के कारण मरीजों को अल्ट्रासाउंड सुविधा नहीं मिल रही है। सफाई व्यवस्था के लिए अस्पताल में पांच सफाई कर्मियों को रोगी कल्याण समिति के तहत घंटों के आधार पर रखा गया है।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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