
नारायणपुर, 27 जून (Udaipur Kiran) । नारायणपुर पुलिस द्वारा आईटीबीपी, बीएसएफ, एसटीएफ की संयुक्त बल के साथ चलाये जा रहे नक्सल विरोधी “माड़ बचाव” अभियान के तहत अति संवेदनशील क्षेत्रों में लगातार कैम्प स्थापित होने से पुलिस का दबाव बढ़ गया है। इसके फलस्वरूप शुक्रवार काे 10 लाख के ईनामी छह नक्सलियाें ने आत्मसमर्पण कर दिया। सभी नक्सलियाें काे प्रोत्साहन राशि 50 हजार का चेक प्रदान किया गया है।
इस माैके पर नवल सिंह कमाण्डेट 135 वाहिनी सीमा सुरक्षा बल, संजय कुमार कमाण्डेट 53वी वाहिनीं आईटीबीपी, राबिनसन गुडिया अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (नक्सल ऑप्स.) एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। आत्मसमर्पित नक्सलियाें में माड़ डिवीजन एवं अमदेई एरिया कमेटी में सक्रिय 10 लाख के ईनामी चार महिला एवं दाे पुरूष सहित कुल 6 नक्सली शामिल हैं।आत्मसमर्पण करने पर सभी नक्सलियाें काे प्रोत्साहन राशि 50 हजार का चेक प्रदान किया गया। उन्हें नक्सल उन्मूलन नीति के तहत मिलने वाली सभी प्रकार की सुविधाएं दिलवाया जायेगा।
आत्मसमर्पित नक्सलियाें में धनाय हलामी (24 वर्ष) निवासी पंचायत तुशवाल थाना बारसूर जिला बीजापूर पद : अमदेई एरिया कमेटी सदस्य ईनाम 5 लाख, दशमती कोवाची (20 वर्ष) निवासी ग्राम पंचायत कोडोली थाना ओरछा जिला नारायणपूर पद : नेलनार एलओएस सदस्य ईनामी एक लाख, सुकाय उर्फ रोशनी पोयाम (20 वर्ष) निवासी कंदाडी ग्राम पंचायत कस्तुरमेटा थाना कुकडाझोर पद : कुतुल एरिया पार्टी सदस्य (पीएम) ईनामी एक लाख, चैतराम उसेण्डी उर्फ रूषी (28 वर्ष) निवासी ग्राम गुजनवाडा पंचायत हिकुल थाना ओरछा जिला नारायणपुर पद : सीसी गार्ड (पीएम)- ईनामी एक लाख, गंगू पोयाम (20 वर्ष) निवासी पंचायत कोडोली थाना ओरछा जिला नारायणपुर छत्तीसगढ़ पद : डीवीसी गार्ड (पीएम) ईनामी एक लाख, शारी उर्फ गागरी कोवाची (20 वर्ष) निवासी गट्टाकाल, किसकाल पंचायत कुतुल थाना कोहकामेटा जिला नारायणपूर छत्तीसगढ़ पद : एसीएम गार्ड (पीएम) ईनामी एक लाख ने आत्मसमर्पण कर दिया है।
बस्तर आईजी सुन्दरराज पी. ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति के फायदे, घर, राेजगार एवं माड़ बचाओ अभियान ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियाें काे अब एक नई आस दी है। बताया कि भटके नक्सलियों को उनके घर वाले भी वापस लाना चाहते हैं। सभी नक्सली संगठन में शामिल भाई-बहनों से अपील करते हुए कहा कि उनका बाहरी लोगों की भ्रामक बातों और विचारधारा से बाहर निकलने का समय आ गया है। अब समय माड़ को वापस उसके मूलवासियों को सौंप देने का है, जहां वे निर्भीक रूप से सामान्य जीवन व्यतीत कर सके। 2025 में अब तक कुल 110 बड़े-छोटे कैडर के नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है।
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(Udaipur Kiran) / राकेश पांडे
