—तीर्थ पुरोहित के सगे छोटे भाई और भयो ने सहयोगियों की मदद से गोली मारकर हत्या की थी
वाराणसी,07 जुलाई (Udaipur Kiran) । चेतगंज थाना क्षेत्र के कालीमहाल में वर्ष 2019 में तीर्थ पुरोहित केके उपाध्याय और उनकी पत्नी ममता उपाध्याय की हत्या मामले में सोमवार को वाराणसी की फ़ास्ट ट्रैक-2 कोर्ट ने छह आरोपितों को दोषी करार दिया हैं। इसमें मृत तीर्थ पुरोहित का सगा छोटा भाई राजेन्द्र उपाध्याय और उसकी पत्नी पूजा उपाध्याय, रजत उपाध्याय, रामविचार उपाध्याय, अच्छे हसन और महेंद्र प्रताप राय है। इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट नाै जुलाई को आरोपितों को सजा सुनाएगी। अदालत ने अन्य आरोपी मनचंदा, वत्सला, कुशमेश्वर मिश्रा, मदन लाल और कृष्ण मोहन मिश्रा उर्फ भूल्लन को साक्ष्य न मिलने पर दोषमुक्त कर दिया। अदालत में वादी पक्ष की ओर से अधिवक्ता संतोष सिंह, राधेश्याम चौबे और अभियोजन पक्ष की ओर से डीजीसी मुनीब सिंह चौहान, एडीजीसी पवन कुमार जायसवाल ने प्रभावी पैरवी की।
अभियोजन पक्ष के अनुसार 21 सितंबर 2019 को सुबह लगभग साढ़े सात बजे चेतगंज थाना क्षेत्र के कालीमहाल में पिशाचमोचन कुंड के तीर्थ पुरोहित कृष्ण कुमार (केके) उपाध्याय व उनकी पत्नी ममता की संपत्ति के विवाद में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वारदात के समय केके उपाध्याय घर के बाहर खड़े थे और उनकी पत्नी ममता घर में बर्तन धो रही थी। इस मामले में मृत तीर्थ पुरोहित के बड़े पुत्र सुमित उपाध्याय ने अपने सगे चाचा राजेंद्र उपाध्याय,उनकी पत्नी पूजा उपाध्याय, पुत्र रजत उपाध्याय (चचेरा भाई)व रामविचार उपाध्याय के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया था। वादी का आरोप था पिता कृष्ण कुमार उपाध्याय का अपने सगे छोटे भाई राजेन्द्र उपाध्याय से संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था। सुमित ने अदालत में बयान दिया था कि उसके पिता कृष्ण कुमार उपाध्याय तैयार होकर घर से निकले कि गली में ही चाचा राजेंद्र उपाध्याय,पूजा मिश्रा,रजत उपाध्याय व रामविचार ने हाथों में पिस्टल व चापड़ लहराते हुए पिता पर हमला बोला था। चाची पूजा के ललकारने पर चचेरे भाई रजत उपाध्याय ने मेरे पिता को गोली मार दी और रामविचार ने चापड़ से कई बार वार किए । हमले में लहूलुहान होकर मेरे पिता जमीन पर गिर पड़े। पिता जी को बचाने के लिए घर के ऊपर मंजिल से नीचे दौड़ कर आया तो अभियुक्तों उसे लक्ष्य कर रजत ने पिस्टल से उस पर फायरिंग की । लेकिन संयोग ही रहा कि गोली उसे नही लगी। यह देख मां उसे बचाने के लिए आई तो रामविचार ने चापड़ से उनके ऊपर पर कई वार किया। जिससे गंभीर रूप से घायल होकर मेरी मां जमीन पर गिर पड़ी। कमरे में से मैने अपनी मां को राजेन्द्र उपाध्याय और रजत उपाध्याय द्वारा पिस्टल से गोली मारते और रामविचार उपाध्याय को चापड़ से काटते देखा। कमरे के अंदर से लगातार वह चिल्लाने और शोर मचाने लगा। गोली की आवाज और चीख पुकार सुनकर मोहल्ला के लोग गली में इकट्ठा हो गए जिससे सभी आरोपित भाग गए। हमलावरों के भागने के बाद वह कमरे से बाहर निकला और अपने मोबाइल से पुलिस को 100 नंबर पर सूचना दी। पुलिस की मदद से वह अपने माता-पिता को बीएचयू ट्रामा सेंटर ले जा रहा था लेकिन ट्रामा सेंटर पहुंचने से पहले ही दोनों की मृत्यु हो गई थी।
बताते चले पुलिस की विवेचना के दौरान ही आरोपित राजेन्द्र उपाध्याय,रजत उपाध्याय और पूजा मिश्रा ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में आत्मसमर्पण किया था। अदालत के निर्देश पर पुलिस ने आरोपितों को अपने अभिरक्षा में लेकर उनकी निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त असलहे को भी बरामद कर लिया। आरोपित पूजा उपाध्याय की निशानदेही पर पुलिस ने एक अन्य आरोपित महेंद्र राय के घर से असलहा व कारतूस बरामद किया। वारदात की विवेचना के बाद चेतगंज पुलिस ने 12 आरोपितों के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था। लम्बी सुनवाई के दौरान एक आरोपित रमेश चंद्र उपाध्याय की मृत्यु हो गई।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
