
नई दिल्ली, 17 जून (Udaipur Kiran) । दक्षिण जिले की साइबर थाना पुलिस ने एक संगठित साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह आम लोगों को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर मोटे मुनाफे का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी कर रहे थे। पुलिस ने इस संबंध में छह आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने आरोपितों के कब्जे से पांच मोबाइल, एक लैपटॉप और चार पासबुक बरामद की हैं।
दक्षिणजिले के डीसीपी अंकित चौहान के अनुसार पीड़ित ने साइबर थाना में शिकायत दर्ज करवाई कि उसे फेसबुक मैसेंजर के माध्यम से संपर्क किया गया और एक फर्जी क्रिप्टो ट्रेडिंग ऐप डाउनलोड करवाकर 10 लाख निवेश करवाए गए। शुरुआत में ऐप में नकली मुनाफा दिखाया गया लेकिन जब पीड़ित ने पैसे निकालने की कोशिश की तो उससे 30 प्रतिशत “हैंडलिंग फीस” की मांग की गई। इसके बाद पीड़ित को ठगे जाने का एहसास हुआ। पुलिस ने पीड़ित के बयान पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की।
इधर पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि गिरोह का मास्टरमाइंड हिमांशु बैसोया है, जिसने कई फर्जी खातों के माध्यम से ठगी की गई रकम को निकालकर नकद में क्रिप्टोकरेंसी खरीदी। वहीं क्रिप्टोकरेंसी खरीदने में कमल और सिमरनजीत सिंह उर्फ लवी ने मदद की।
डीसीपी के अनुसार पकड़े गए आरोपितों की पहचान कोटला मुबारकपुर निवासी हिमांशु बैसोया (23) मास्टरमाइंड, नकद में क्रिप्टोकरेंसी खरीदा, सौरव विहार निवासी कमल इंसान उर्फ कमल अवाना (29) इंटीरियर डिजाइनर, क्रिप्टोकरेंसीसप्लायर, सिमरनजीत सिंह उर्फ लवी (28) ने हिमांशु को कमल से मिलवाया। इसके अलावा पकड़े गए अविनाश वर्मा (20) ने आठ बैंक खाते उपलब्ध कराए। इसी क्रम में आलोक सिंह (30) ग्रामीणों से खाते खुलवाए और गरिमा सिंह (38) ने 1,000 में खाता दिया।
ठगी का तरीका
पुलिस के मुताबिक आरोपितों ने फेसबुक मैसेंजर से संपर्क कर Bitop नामक फर्जी ऐप डाउनलोड करवाया।
निवेश के बाद फर्जी डैशबोर्ड पर मुनाफा दिखाया गया।
पैसे निकालने की कोशिश पर हैंडलिंग फीस की मांग की गई।
बैंक खाते ग्रामीणों से मामूली रकम में खरीदे गए और हिमांशु को 15,000 प्रति खाता में बेचे गए।
नकदी निकालकर क्रिप्टोकरेंसीमें बदल दी गई।
साइबर सुरक्षा के लिए सुझाव-अनजान ऐप या लिंक डाउनलोड न करें।
-क्रिप्टो निवेश के नाम पर अनजान लोगों पर भरोसा न करें।
-अपने बैंक/केवाईसी डिटेल्स किसी से साझा न करें।
-नकली डैशबोर्ड से सावधान रहें जो फर्जी मुनाफा दिखाते हैं।
-किसी भी निवेश से पहले विशेषज्ञों की सलाह लें।
-शिकायत हेतु 1930 हेल्पलाइन या www.cybercrime.gov.in पर संपर्क करें।
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(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी
