

नई दिल्ली/विशाखापत्तनम, 17 सितंबर (Udaipur Kiran) । केंद्र सरकार ने राज्यों को 50 साल के ब्याज-मुक्त ऋण के रूप में अबतक 3.6 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि स्वीकृत की है। पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना (एसएएससीआई) के तहत पूंजीगत व्यय में वृद्धि को प्रोत्साहित किया है। इस प्रयास से 22 राज्यों ने अपने स्वयं के पूंजीगत व्यय में 10 फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज की है।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने बुधवार को आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में ‘सीआईआई जीसीसी बिजनेस समिट’ को संबोधित करते हुए यह बात कही। निर्मला सीतारमण ने कहा कि अब तक 22 राज्यों को 50 साल की ब्याज-मुक्त सहायता के तहत लगभग 3.6 लाख करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि देश में पूंजीगत निवेश (राज्यों समेत) बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.1 फीसदी हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2013-14 में यह सिर्फ 1.7 फीसदी था।
सीतारमण ने कहा, वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) का आर्थिक विकास, प्रतिस्पर्धात्मकता और मानव पूंजी विकास पर दूरगामी प्रभाव पड़ता है। भारत की जीसीसी की कहानी एक परिवर्तनकारी यात्रा है। उन्होंने आगे कहा, पिछले 11 वर्षों में 88 हवाई अड्डों का संचालन शुरू हो चुका है, 31,000 किलोमीटर नई रेल पटरियां बिछाई गई हैं, मेट्रो नेटवर्क का चार गुना से ज़्यादा विस्तार हुआ है, बंदरगाहों की क्षमता दोगुनी हो गई है और राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क का 60 फीसदी विस्तार हुआ है।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
