
उत्तरकाशी, 1 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । स्वतंत्र पत्रकार राजीव प्रताप की मौत के मामले की जांच के लिए उत्तराखंड पुलिस ने एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) का गठन कर दिया है। पुलिस उपाधीक्षक जनक सिंह पंवार की अध्यक्षता में गठित एसआईटी सभी पहलुओं की जांच करेगी, जिसमें सीसीटीवी फुटेज, इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य, कॉल डिटेल और पत्रकार के साथ आखिरी बार देखे गए लोगों के बयान शामिल हैं।
डीजीपी दीपम सेठ के मुताबिक, पत्रकार राजीव प्रताप के परिवार ने बताया था कि उन्हें धमकी भरे फोन आए थे।द पोस्टमार्टम के बाद चिकित्सक से जो इनपुट परिजनो को मिले वह संसय और आशंकाओं की ओर इसारा कर रही है। पनोथ के प्रधान और राजीव के बहुत करीबी चाचा कृपाल सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम मे राजीव की मौत दम छूटने या शरीर में पानी भरने से नहीं हुई बल्कि इंटरनरनल इंजर्ड होने से हुई जो कि एसपी उत्तरकाशी के वक्तव्य मे भी है। उन्होने कहा कि यदि इंटरनल इंजर्ड होने से मौत हुई है तो इसमे हत्या की आंशका से मना नहीं किया जाता है।
बता दें कि करीब 13 दिन पहले राजीव लापता हुए थे, उनका वाहन गंगाेरी में मिला था जबकि दाे दिन पहले उनका शव जाेशियाडा ा यडा बैराज में उतरता मिला। परिजनों कहना है कि जब राजीव की लाश मिली तो उसके वदन पर कपड़े नहीं थे यदि दस दिन पहले मौत हुई होती तो सडे गले फटे कपडे तो बदन पर होने चाहिए थे जो डूबने से मौत की ओर इसारा नहीं करता है। राजीव के पिता मुरारी लाल का कहना है कि हम शासन प्रशासन से इस प्रकरण मे न्याय चाहते है और सीबीआई जांच की मांग करते है।
इधर पुलिस अधीक्षक सरिता डोबाल ने बताया कि परिजनों ने हत्या की आंशका जाताई जताई उस पर विवेचना जारी है।
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(Udaipur Kiran) / चिरंजीव सेमवाल
