Uttar Pradesh

चार साल से लापता कोर्ट लिपिक को एसआईटी नहीं खोज पाई, बेटा मांग रहा न्याय

बांदा, 14 नवंबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के बांदा में चार वर्ष पहले रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हुए न्यायालय अभिलेखपाल (लिपिक) कामता सिंह का अब तक कोई पता नहीं चल सका है। स्थानीय पुलिस से लेकर विशेष जांच दल (एसआईटी) तक लगातार तलाश में जुटे हैं, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। मामले की गंभीरता को देखते हुए एडीजी जोन प्रयागराज ने एक बार फिर पुलिस अधिकारियों को खोजबीन तेज करने के निर्देश दिए हैं।

कामता सिंह पुत्र सत्तीदीन, निवासी धौसड़, थाना तिन्दवारी, 2 दिसंबर 2021 को इलाहाबाद हाईकोर्ट में आवश्यक कार्य निपटाकर लौट रहे थे। बेटे आलोक प्रताप के अनुसार वे सिविल लाइंस, प्रयागराज रोडवेज बस स्टॉप से फतेहपुर होते हुए बांदा आने के लिए निकले, लेकिन घर नहीं पहुंचे। परिजनों ने संदेह जताया कि उन्हें रास्ते में किसी ने अपहृत कर लिया। गुमशुदगी की रिपोर्ट तभी दर्ज हो गई थी, लेकिन कोई महत्वपूर्ण सुराग नहीं मिला। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए 5 अक्टूबर 2025 को तिन्दवारी थाने में धारा 364 (अपहरण) के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया।

इसके बाद एडीजी जोन डॉ. संजीव गुप्ता ने 26 सितंबर 2025 को अपर पुलिस अधीक्षक बांदा की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन कराया। डीआईजी चित्रकूटधाम परिक्षेत्र और एसपी बांदा को एसआईटी की जांच की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए गए।

डीआईजी बांदा द्वारा 18 अक्टूबर 2025 को भेजी गई समीक्षा रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि एसआईटी को अब तक कोई ठोस सफलता नहीं मिली है और कामता सिंह का पता नहीं चल सका है। चार साल बीत जाने के बाद भी न पुलिस और न ही विशेष जांच टीम के हाथ कोई जानकारी लगी है। बेटे आलोक प्रताप ने शुक्रवार को बताया कि परिवार चार साल से लगातार चिंता और असमंजस में है। उनका कहना है कि प्रशासन को अब इस मामले में और गंभीरता दिखानी चाहिए ताकि कामता सिंह की बरामदगी हो सके और सच्चाई सामने आ सके।

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(Udaipur Kiran) / अनिल सिंह