मुंबई, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । महाराष्ट्र के परभणी जिले में पुलिस कस्टडी में हुई मौत की जांच करने के लिए शुक्रवार को राज्य की पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला ने आधिकारिक तौर पर विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किए जाने की घोषणा की है। इस जांच टीम में परभणी जिले के किसी पुलिस अधिकारी या कर्मचारी को शामिल नहीं किया गया है।
पुलिस महानिदेशक कार्यालय सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि इस एसआईटी का नेतृत्व सुधीर हिरेमठ को सौंपा गया है। हिरेमठ वर्तमान में पुणे सीआईडी के विशेष पुलिस महानिरीक्षक हैं और हाल ही में सीबीआई से महाराष्ट्र स्थानांतरित हुए अधिकारी हैं। उन्हें इस मामले की जाँच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस टीम में नागपुर सीआईडी के पुलिस अधीक्षक अभिजीत धाराशिवकर और नांदेड़ सीआईडी के पुलिस उपाधीक्षक अनिल गवनकर को एसआईटी का सदस्य नियुक्त किया गया है। इस विशेष जाँच दल का कामकाज अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, महाराष्ट्र राज्य आपराधिक जाँच विभाग, पुणे के प्रत्यक्ष मार्गदर्शन में होगा।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल परभणी शहर में डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की प्रतिमा के सामने संविधान के अपमान की एक गंभीर घटना घटी थी। इस घटना के बाद पूरे शहर में आक्रोश फैल गया था। विरोध प्रदर्शन करते हुए प्रदर्शनकारियों ने कुछ वाहनों में तोडफ़ोड़ भी की थी। इस पृष्ठभूमि में, पुलिस ने तलाशी अभियान चलाया और कई लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार लोगों में 35 वर्षीय सोमनाथ सूर्यवंशी भी शामिल थे। हालाँकि, गिरफ्तारी के कुछ दिनों के भीतर ही पुलिस कस्टडी में उनकी संदिग्ध मौत हो गई। शुरुआत में दावा किया गया था कि सोमनाथ की मौत दिल का दौरा पडऩे से हुई। हालाँकि बाद में किए गए पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि उनकी मौत पिटाई के कारण हुई थी। इसके बाद समाज के विभिन्न वर्गों में कड़ा रोष व्यक्त किया था। बॉम्बे उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ ने पिछले हफ्ते राज्य सरकार को सोमनाथ सूर्यवंशी की मौत के मामले में आठ दिनों के भीतर एक एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया था। इस आदेश के अनुसार, पुलिस महानिदेशक ने इस मामले की जांच के लिए आखिरकार एक एसआईटी का गठन किया गया है।
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(Udaipur Kiran) यादव
