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यमुना के पानी की गुणवत्ता में सुधार, जून के आंकड़े लेकर प्रदूषित कहना अपरिपक्व सोच : सिरसा

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, 2 अगस्त (Udaipur Kiran) । दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने शनिवार को कहा कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की जुलाई की रिपोर्ट में यमुना के पानी की गुणवत्ता में जून के मुकाबले सुधार है। उन्होंने कहा कि जून के आंकड़ों के आधार पर यमुना को ज्यादा प्रदूषित कहना, आलोचकों की अपरिपक्व या प्रेरित सोच को दर्शाता है।

मंत्री ने बताया कि जुलाई 2025 में यमुना के 8 प्रमुख स्थानों (पल्ला, वजीराबाद, आईएसबीटी ब्रिज, आईटीओ ब्रिज, निजामुद्दीन ब्रिज, ओखला बैराज और अन्य) से लिए गए नमूनों में आईटीओ ब्रिज पर जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग (बीओडी) जून में 70 एमजी/l रहा, जो जुलाई में घटकर 20 एमजी/l हो गया। ओखला बैराज पर बीओडी 46 एमजी/l से घटकर 8 एमजी/l हो गया। रासायनिक ऑक्सीजन मांग (सीओडी) स्तर में भी बड़ा सुधार दिखा, जो आईटीओ ब्रिज पर 186 एमजी/l से घटकर 54 एमजी/l और ओखला बैराज पर 100 एमजी/l से घटकर 30 एमजी/l हो गया।

उन्होंने कहा कि डिज़ॉल्वड ऑक्सीजन (डीओ) स्तर, जो जून में कई जगहों पर लगभग शून्य था, पल्ला और वजीराबाद में काफी बेहतर हुआ, जिससे पानी में ऑक्सीजन की बढ़ोतरी के संकेत मिले। अमोनियाकल नाइट्रोजन और पीएच स्तर में भी कई स्थानों पर गिरावट आई, जो कम प्रदूषण को दर्शाता है।

पर्यावरण मंत्री ने कहा कि बीओडी, सीओडी और डीओ जैसे पैरामीटर में सुधार को नजरअंदाज़ नहीं किया जा सकता। यह शुरुआती संकेत हैं कि हमारे कदम असर दिखा रहे हैं। लेकिन ये सिर्फ शुरुआत है, यमुना को पूरी तरह साफ करना हमारा लक्ष्य है।

आलोचकों को जवाब देते हुए मंत्री सिरसा ने कहा कि सालों तक यमुना को डेड रिवर कहा गया, लेकिन आज आंकड़े साफ दिखा रहे हैं कि नदी धीरे-धीरे साफ हो रही है। यह सुधार संयोग नहीं बल्कि लगातार चल रहे प्रयासों और हस्तक्षेप का नतीजा है।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा यमुना की सफाई के लिए आवंटित 500 करोड़ रुपये का उपयोग सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपीएस) को अपग्रेड करने, नालों को इंटरसेप्ट करने और बिना ट्रीटमेंट के गिरने वाले पानी को रोकने में किया जा रहा है, जिसका सीधा असर पानी की गुणवत्ता पर दिख रहा है।

यमुना की सफाई के साथ-साथ पर्यावरण मंत्री ने बताया कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता में भी उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है। जुलाई 2025 में 31 में से 29 दिन दिल्ली का एक्यूआई अच्छा या संतोषजनक रहा है। वन महोत्सव 2025 से दिल्ली का ग्रीन कवर तेजी से बढ़ रहा है। सख्त डस्ट कंट्रोल नियम, मैकेनाइज्ड रोड स्वीपिंग, ऑटोमेटिक स्प्रिंकलर्स और लेगेसी वेस्ट के बायो-माइनिंग से प्रदूषण पर लगाम लगाई जा रही है। उन्होंने कहा कि यह एक बार की उपलब्धि नहीं है। यमुना की सफाई से लेकर दिल्ली के एक्यूआई में सुधार तक हम कई स्तरों पर काम कर रहे हैं।

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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव

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