
सिरसा, 13 सितंबर (Udaipur Kiran) । सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि सिरसा सहित प्रदेश के 12 जिलों में धान की फसल बाढ़ और जलभराव से पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है, लेकिन बीमा कंपनियां इस नुकसान को मानने से साफ इंकार कर रही हैं। किसानों ने पूरी ईमानदारी से फसल बीमा योजना के तहत प्रीमियम भरा, परंतु जब मुआवजा देने की बारी आई तो कंपनियां और सरकार दोनों ही किसानों से मुंह मोड़ रही हैं। ऐसे में भाजपा सरकार बीमा कंपनियों की मनमानी रोकने के लिए सख्त नियम बनाए जाएं और दोषियों पर कार्रवाई की जाए।
सैलजा ने शनिवार को जारी एक प्रेस बयान में कहा है कि यह किसानों के साथ खुला अन्याय है। बीमा कंपनियों को यह अधिकार किसने दिया कि वे डूबी हुई फसल को ‘नुकसान’ ही न मानें? उन्होंने सवाल उठाया कि भाजपा सरकार इन कंपनियों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है और आखिर इन्हें इस तरह की मनमानी करने की छूट क्यों दी जा रही है? ऐसा लग रहा है कि सरकार और बीमा कंपनियां आपस में मिली हुई हैं और किसानों को मुआवजे के नाम पर गुमराह कर रही हैं। सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि किसान इस विश्वास में प्रीमियम भरते हैं कि विपरीत परिस्थिति में उन्हें मुआवजा मिलेगा, लेकिन भाजपा सरकार और बीमा कंपनियों की मिलीभगत से किसानों को उनके अधिकार से वंचित किया जा रहा है। यह सरकार की किसान विरोधी मानसिकता का जीता-जागता उदाहरण है।
सैलजा ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि तुरंत विशेष गिरदावरी करवाई जाए और बर्बाद हुई फसल का उचित मूल्यांकन किया जाए। सभी प्रभावित किसानों को बिना किसी देरी के मुआवजा दिया जाए। बीमा कंपनियों की मनमानी रोकने के लिए सख्त नियम बनाए जाएं और दोषियों पर कार्रवाई की जाए। सांसद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसानों की लड़ाई सड़क से सदन तक लड़ेगी और जब तक प्रभावित किसानों को उनका हक़ नहीं मिल जाता, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा। साथ ही सांसद ने कहा कि अगर सरकार संकट की घड़ी में किसानों की मदद करने से पीछे हट रही है, तो उसे स्वयं को किसान हितैषी कहने को कोई हक नहीं है। किसान हितों को लेकर भाजपा सरकार की नीयत में शुरू से ही खोट दिखाई दे रही है।
(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma
