Haryana

सिरसा: हरियाणा में स्कूलों की जर्जर हालत, सरकार की शिक्षा विरोधी मानसिकता को करती है उजागर: सैलजा

सांसद कुमारी सैलजा।

सिरसा, 1 अगस्त (Udaipur Kiran) । सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था की बदहाल तस्वीरें आज पूरे प्रदेश के जनमानस को झकझोर रही हैं। छतों से टपकता पानी, दरकती दीवारें, दीमक से खोखले हो चुके दरवाजे और फर्श पर बैठकर पढऩे को मजबूर बच्चे, ऐसे हालात किसी दूरदराज के परित्यक्त भवन के नहीं, बल्कि प्रदेश के मॉडल कहे जाने वाले सरकारी स्कूलों का है। भाजपा सरकार को राजस्थान के झालावाड़ स्कूल हादसे के बाद सबक लेते हुए सभी जर्जर स्कूल भवनों की तत्काल मरम्मत कराई जाए या उन्हें नए भवनों में स्थानांतरित किया जाए।

सांसद सैलजा ने शुक्रवार को जारी एक प्रेस बयान में कहा कि प्रदेश के सभी जर्जर स्कूल भवनों की हालात पर गहरा दु:ख और रोष व्यक्त करते हुए कहा कि शायद प्रदेश की भाजपा सरकार किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रही है? राजस्थान में स्कूल की छत गिरने से जो मासूम जानें गई, क्या हरियाणा सरकार उससे कोई सबक नहीं ले रही? कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकारी स्कूलों में अधिकतर गरीब, श्रमिक और दलित वर्ग के बच्चे ही पढ़ते है क्योंकि इन वर्ग के लोग प्राइवेट स्कूलों की बड़ी फीस भरने में असमर्थ होते है। भाजपा सरकार का इनकी ओर ध्यान न देना स्पष्ट करता है कि भाजपा की प्राथमिकता में गरीब बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा नहीं है।

वैसे भी प्रदेश सरकार प्राइवेट स्कूलों को बढ़ावा देकर सरकारी स्कूलों को बंद करने की साजिश कर रही है। सांसद ने कहा कि 60 साल पुराने भवनों में बिना मरम्मत के बच्चों को बैठाया जा रहा है, भवनों को ‘जर्जर’ घोषित करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है और मॉडल स्कूल कहे जाने वाले संस्थानों की दीवारें भी गिरने के कगार पर हैं। कम से कम सरकार को इस दिशा में ध्यान देते हुए उचित कदम उठाना चाहिए।

सैलजा ने कहा कि क्या हरियाणा सरकार को सिर्फ विज्ञापनों और दिखावे में ही रुचि है? जमीनी हकीकत यह है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल और मूलभूत ढांचे सभी क्षेत्रों में सरकार बुरी तरह विफल रही है। सांसद सैलजा ने सरकार से मांग की है कि सभी जर्जर स्कूल भवनों की तत्काल मरम्मत कराई जाए या उन्हें नए भवनों में स्थानांतरित किया जाए, शिक्षा बजट में वृद्धि कर जमीनी स्तर पर निर्माण कार्यों को प्राथमिकता दी जाए, बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु भवन सुरक्षा ऑडिट अनिवार्य किया जाए। शासन- प्रशासन के लिए बच्चों की सुरक्षा सबसे अहम होनी चाहिए।

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(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma

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