
सिरसा, 7 जुलाई (Udaipur Kiran) । गेहूं सीजन के बाद अब नरमा-कपास के लिए भी किसानों को डीएपी खाद के लिए धक्के खाने पड़ रहे हैं। घंटाे लाइन में लगने के बाद भी किसानों को शाम को बिना खाद के ही मायूस हो घर लौटना पड़ रहा है। आए दिन खाद के लिए किसानों व प्रशासन के बीच हंगामा हो रहा है, इसके बावजूद सरकार व प्रशासन रटा-रटाया जवाब दे रहा है कि जिले में खाद की कोई कमी नहीं है। खाद वितरण के लिए अब पुलिस का भी सहारा लिया जाने लगा।
सोमवार को जिले के खाद वितरण केंद्रों पर किसानों की भीड़ देखी गई। भीड़ को नियंत्रण के लिए पुलिस बुलानी पड़ी। पुलिस की मौजूदगी में एक-दो बैग किसानों को खाद मिली। सिरसा के जनता रोड, जिले के गांव गुडियाखेड़ा सहित अन्य खाद वितरण केंद्रों पर किसानों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया। किसानों का आरोप है कि कुछ लोगों को बिना नंबर के खाद दी गई, जबकि लाइन में लगे किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ा। असल में बारिश के बाद नरमा फसल की बुवाई होना बाकी है। इसलिए डीएपी की मांग एकाएक बढ़ गई है। इस सीजन में शुरू में ही डीएपी का टोटा चल रहा है। किसानों को पर्याप्त डीएपी नहीं मिल रही। जिन किसान को चार-चार डीएपी बैग चाहिए थे, उनको दो-दो बैग ही मिले। किसान प्राइवेट दुकानों से महंगे दामों पर खाद खरीदने को विवश हैं।
गुडियाखेड़ा के सरपंच प्रतिनिधि आत्मा राम भाटिया ने बताया कि खाद की कमी काफी समय से चल रही है। इन दिनों बारिश के बाद फसल बुवाई के लिए डीएपी की जरूरत है। मगर किसानों को जरूरत के अनुसार खाद न मिलने से सभी परेशान हैं।
वहीं कृषि विभाग भी व्यवस्था को दुरुस्त नहीं करवा रहा है। इसका नतीजा ये है कि किसान खाद के लिए इफको या कृभको सेंटर पर चक्कर काट रहे हैं। गुडियाखेड़ा के सेल प्वाइंट इंचार्ज जगदीश ने बताया कि 250 बैग डीएपी के आए थे जो कि किसानों को बांट दिए गए हैं।
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(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma
