Uttar Pradesh

मतांतरण के खिलाफ फूटा सिख व सिंधी समाज का गुस्सा,सख्ती से निपटे सरकार

प्रदेश सरकार के मंत्री बलदेव सिंह ओलख
नानक चंद लखमानी

– बोले- ऐसे राष्ट्रविरोधी धर्मांतरण माफियाओं को सिर्फ जेल नहीं, सीधे फांसी दी जाए

लखनऊ, 07 जुलाई (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश में गैरमुस्लिम लड़कियों को बहला फुसला कर किए जा रहे मतांतरण के खिलाफ सिख व सिंधी समाज के लोगों ने आक्रोश व्यक्त किया है। समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस तरह के कुत्सित प्रयास करने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। लोगों ने कहा कि धर्मांतरण की साजिश रचने वाले अपराधियों को फांसी सजा मिलनी चाहिए।

उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के सिख प्रतिनिधि व गुरुगोविंद सिंह सेवा समिति के सचिव परबिंदर सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मतांतरण की खबरें सामने आई हैं वह दुखद है। छांगुर बाबा जो कि बड़े पैमाने पर गैर मुस्लिम लड़कियों के धर्मांतरण कराने के आरोप में गिरफ्तार हुआ है, ऐसे लोगों की सजा फांसी के कम नहीं होनी चाहिए। धर्मांतरण के लिए बहन बेटियों का मूल्य तय करना इनकी घिनौनी सोच को दर्शाता है, इस तरह के कृत्य में जो भी लोग शामिल हैं ऐसे अपराधियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।

गुरुनानक से लेकर गुरु गोविंद सिंह तक, सिख पंथ ने कभी धर्म नहीं बदला

कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि लड़कियों को पैसा देकर बहला फुसला कर किए जा रहे मतांतरण सिख समुदाय के खिलाफ बड़ी साजिश है। उन्होंने सीएम योगी से अपील करते हुए कहा कि ऐसे लोग जो विदेशी एजेंसियों के साथ मिलकर इस तरह के कार्य कर रहे हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि गुरुनानक से लेकर गुरु गोविंद सिंह तक, सिख पंथ ने कभी धर्म नहीं बदला, बल्कि धर्म की रक्षा की है।

लालच, भय या छल से धर्मांतरण के लिए मजबूर करना निंदनीय

गुरुद्वारा पटेल नगर के हेड ग्रंथी ज्ञानी भगत सिंह ने कहा कि आज उनके अनुयायियों को लालच, भय या छल से मतांतरण के लिए मजबूर किया जा रहा है, ये अत्यंत निंदनीय है। उन्होंने कहा कि हालिया मामलों में सिख समुदाय के सदस्यों को जबरन धर्म परिवर्तन के लिए निशाना बनाया गया। यह केवल धार्मिक आज़ादी पर हमला नहीं, बल्कि सिख अस्मिता का अपमान है।

अवैध धर्मांतरण के खिलाफ फूटा सिंधी समाज का गुस्सा

सिंधी नेता नानक चंद लखमानी कहा कि सिंधी समाज के खिलाफ मतांतरण की साजिश काे अब और सहन नहीं किया जाएगा। सिंधी समाज की बहन बेटियों को सुनियोजित तरीके से निशाना बनाया जा रहा है। सिंधी समाज के मासूम युवाओं, खासकर बहन-बेटियों को मतांतरण के जाल में फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अपराधियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। वहीं किशन चंद्र तनवानी ने कहा कि यह केवल धार्मिक आज़ादी पर हमला नहीं, बल्कि सिंधी संस्कृति और पहचान को मिटाने की कोशिश है। मतांतरण के लिए रेट तय करना घिनौना और अमानवीय कृत्य है।

(Udaipur Kiran) / बृजनंदन

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