
सीहोर, 19 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । मध्य प्रदेश के सीहोर जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी सोमवार, 20 अक्टूबर को दीपावली का पर्व आस्था और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। इस दौरान 21 हजार से अधिक दीपक से मंदिर परिसर को रोशन किया जाएगा। इससे पहले रविवार को मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के साथ प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने स्वच्छता का संदेश दिया।
उन्होंने कहा कि दीप पर्व की स्वच्छता और प्रकाश को बाहर और भीतर सदा के लिये स्थापित करना ही उत्सव है। बाहर वातावरण में स्वच्छता है, सकारात्मकता है तभी भीतर इसका समावेश हो सकता है। आज के समय में केवल द्ववार तक साफ-सफाई काफी नहीं है अब गृह नहीं ग्रह की स्वच्छता का समय है क्योंकि हम अब भी जाग्रत नहीं हुये तो प्रकृति आगे शायद दूसरा अवसर न दें। दीप पर्व एक अवसर है स्वच्छता को अंगीकार करने का, प्रकृति और पर्यावरण के साथ सद्भावपूर्ण व्यवहार का। इस बार कुछ ऐसा करे की उत्साह हमारे भीतर हो और उत्साहित प्रकृति हो, कर्म हम करें ओर उसके सुखद परिणाम धरा और गगन को मिले, दिवाली अपनी खुशियों के लिये मनायें लेकिन प्रफुल्लित वातावरण हो।
इसको लेकर मंदिर परिसर में गुरुदेव पंडित प्रदीप मिश्रा के मार्गदर्शन में विठलेश सेवा समिति और श्रद्धालुओं के द्वारा तैयारियां की जा रही है। मंदिर में यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रंग-बिरंगी रोशनी लगाई गई है। मंदिर परिसर में दीप पर्व को लेकर प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। रविवार को भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे, जिनको समिति की ओर से पंडित विनय मिश्रा, समीर शुक्ला सहित अन्य ने भोजन प्रसादी का वितरण किया। कार्तिक माह में मंदिर परिसर में तांता लगा रहता है।
रविवार को छोटी दीपावली पर यहां पर मौजूद श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की। मिट्टी की कला और उससे बनाए जाने वाले दीये को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर साल गुरुदेव के निर्देश पर हजारों की संख्या में दीप पर्व पर श्रद्धालु आते हैं और दीप प्रज्जवलित करते है। इस साल भी पांच दिवसीय पर्व धनतेरस, रुप चौदस, दीपावली, गोवर्धन पूजन और भाई-दूज का आयोजन किया जा रहा है। इसके अलावा भी यहां पर आगामी दिनों में अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। दुनिया की सबसे बड़ी भोजनशाला मंदिर परिसर में चलाई जा रही है। जिसमें यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को निशुल्क रूप से भोजन का वितरण किया जाता है।
आगामी दिनों में अन्नकूट महोत्सव होगा
अन्नकुट महोत्सव सनातन धर्म का सबसे बड़ा पर्व है। भगवान श्रीकृष्ण को 56 या 108 तरह के पकवानों का भोग लगाना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि अन्नकूट भी गोवर्धन पूजा का समारोह है। 56 प्रकार के मिष्ठान पकवान का भोग अर्पित किया जाता है, इससे ही विभिन्न आकृतियां उकेरकर झांकी सजाई जाती है इसलिए इसे अन्नकूट महोत्सव कहते हैं, अन्नकूट प्रसादी का बड़ा महत्व होता है क्योंकि इसमें कई प्रकार की सब्जिय़ां अन्य प्रकार के भोग बनाए जाते है। उस प्रसाद का स्वाद ही अलग होता है।
(Udaipur Kiran) तोमर
