
धमतरी, 4 सितंबर (Udaipur Kiran) । धमतरी शहर के मठ मंदिर चौक स्थित गणेश मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है। कई श्रद्धालुओं की दिन की शुरूआत यहां पूजन करने के बाद होती है। गणेशोत्सव में यहां की रौनक देखते ही बनती है।
जानकारों के अनुसार यह मंदिर 100 साल से भी अधिक पुराना है। मंदिर के पुजारी ज्योतिषी पं. होमन प्रसाद शास्त्री ने बताया कि साल 1992 से मंदिर में नियमित रूप से पूजन शुरू हुआ। इस मंदिर में भगवान गणेश की स्थापना हनुमान प्रसाद मिश्रा, मुन्ना शर्मा, केशकुमार गुप्ता व नटूकुमार गुप्ता ने मिलकर की थी। इन चारों का निधन हो गया है। वर्तमान में दो मंजिला मंदिर का जो स्वरूप है। यह 28 साल पहले 1992 में जीर्णोद्धार के बाद बनाया गया है। इसके पहले मंदिर छोटा सा था। एक गुंबद के अंदर भगवान श्रीगणेश की मूर्ति स्थापित थी। मंदिर का स्वरूप बदलता रहा है। गणेश पक्ष में मठमंदिर चौक स्थित गणेश मंदिर में भगवान गणेश का हर साल 24 घंटे का अखंड जलाभिषेक किया जाता है। अखंड जलाभिषेक की अगुवाई सात पंडितों द्वारा की जाती है।
पूजन से मिलता है विशेष पुण्य लाभ
पंडित श्रीकांत तिवारी ने बताया कि गणेश चतुर्थी पर भगवान के दर्शन और पूजा-अर्चना से विशेष पुण्य लाभ मिलता है। मंदिर का जीर्णोद्धार वर्ष 1992 में किया गया था, जिसके पश्चात 1993 से प्रतिवर्ष गणेश चतुर्थी पर अखण्ड जलाभिषेक की परंपरा शुरू हुई। यह क्रम लगातार 34 वर्षों से जारी है। विशेष बात यह है कि मंदिर में होने वाला जलाभिषेक का जल लगभग 100 फीट भूमि में समाहित होता है, जिससे जल संरक्षण और संवर्धन का भी संदेश समाज को दिया जा रहा है। शास्त्रों के अनुसार गणेश जी का जलाभिषेक ताम्रपात्र से 108 या सहस्त्र छिद्रों से किया जाता है, जिससे सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
