धर्मशाला, 07 अगस्त (Udaipur Kiran) । नकल जमाबंदी की प्रतियों की प्रिंटिंग के लिए उपभोक्ता से निर्धारित सरकारी राशि से अधिक दाम वसूलने पर उपभोक्ता आयोग ने दुकानदार को 10 हजार रुपये मुआवजा देने का आदेश जारी किए हैं। साथ ही शिकायतकर्ता को 7500 रुपये मुकद्दमा फीस भी दुकानदार को देनी होगी। ग्राहक से निर्धारित दामों से अधिक वसूले गए 44 रुपये भी 9 फीसदी ब्याज सहित लौटाने होंगे। जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष हेमांशु मिश्रा और सदस्य आरती सूद की अदालत ने यह फैसला सुनाया है।
आयोग के समक्ष अजीत सिंह निवासी सरड़ लोहारी सब तहसील रक्कड़ (देहरा) ने शिकायत दर्ज करवाई थी। उन्होंने कहा था कि 7 अक्तूबर 2023 को देहरा कोर्ट के समीप स्थित एक दुकान में फर्द जमाबंदी प्राप्त करने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने वर्ष 2018-2019 के लिए राजस्व रिकॉर्ड (नकल जमाबंदी) की छपाई के लिए 315 रुपये का दावा किया। शिकायतकर्ता का आरोप था कि दुकानदार ने इस राजस्व रिकॉर्ड की प्रतियों की प्रिंटिंग के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अधिसूचित निर्धारित दर से अधिक राशि ली।
शिकायतकर्ता का कहना था कि 26 प्रतियों के लिए 271 रुपये बनते थे, जबकि दुकानदार द्वारा 315 रुपये लिए गए। इस पर दुकानदार की सेवाओं में कमी के आरोप लगाते हुए उपभोक्ता आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज की गई। आयोग ने सभी तथ्यों को जांचने के बाद उपभोक्ता के पक्ष में यह फैसला सुनाया है।
(Udaipur Kiran) / सतेंद्र धलारिया
