Chhattisgarh

कमीशन वृद्धि और 30 हजार रुपये मासिक मानदेय को लेकर दुकान संचालकों ने निकाली पदयात्रा

रैली में शामिल दुकान संचालक के पदाधिकारी।
रैली में शामिल दुकान संचालक संघ के सदस्य।

चारामा से रायपुर तक उचित मूल्य दुकान संचालकों की पदयात्रा

धमतरी, 6 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । छत्तीसगढ़ शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालक विक्रेता कल्याण संघ की अगुवाई में सोमवार छह अक्टूबर को चारामा (कांकेर) से राजधानी रायपुर तक पदयात्रा रैली निकाली गई। रैली का उद्देश्य सरकार से लंबे समय से लंबित छह सूत्रीय मांगों को लेकर ध्यान आकर्षित करना था। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने शीघ्र सकारात्मक पहल नहीं की, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। रास्तेभर कर्मचारी हमारी मेहनत का उचित मूल्य दो” और “राशन विक्रेता एकता जिंदाबाद” के नारे लगाते रहे। राजधानी रायपुर पहुंचकर यह रैली मुख्यमंत्री निवास पर ज्ञापन सौंपने के साथ समाप्त होगी।

संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश अध्यक्ष रामदेव सिन्हा ने बताया कि पिछले कई वर्षों से राज्य के संचालक और विक्रेता सरकार की महत्वाकांक्षी सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) योजना को पूरी निष्ठा से संचालित कर रहे हैं, लेकिन उन्हें मिलने वाला कमीशन अत्यंत कम है। इस संबंध में बार-बार निवेदन के बावजूद सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसलिए एक अक्टूबर से प्रदेशभर की सभी उचित मूल्य दुकाने बंद कर दी गईं और पांच अक्टूबर से चारामा से रायपुर तक 125 किलोमीटर की पदयात्रा प्रारंभ की गई। रैली को छत्तीसगढ़ क्रांति सेना और जोहार छत्तीसगढ़ संगठन के नेता निखिलेश देवांगन ने भी समर्थन दिया।

इस पदयात्रा में लक्ष्मनिया उइके, ऋषि उपाध्याय, रूपनारायण सोनी, विनोद मोदी, बदरे आलम, कृष्णकुमार गुप्ता, सुदामा यादव, तुलाराम निराला, राकेश पांडेय, इंद्राणी धनकर बदरे आलम, कृष्णकुमार गुप्ता, बुधराम वर्मा, सुदामा यादव, तुलाराम निराला, तुलसीराम साहू, राकेश पांडेय, कमलेश जैन, रोहित नाग, इंद्राणी धनकर, गौरीशंकर गुप्ता, राजकुमार थुरिया, युवराज साहू, रामस्नेही लोनिया, राजेश सिन्हा, गोकुल प्रधान, नरोत्तम वैष्णव, किशन सोनी, अपुन बंजारे सहित बड़ी संख्या में सदस्य शामिल रहे।

ये है मांग

संघ ने मुख्यमंत्री के नाम छह सूत्रीय मांग पत्र सौंपा है, जिसमें मुख्य रूप से एनएफएसए और सीजी एनएफएसए योजनाओं के तहत मिलने वाले 90 और 30 रुपये प्रति क्विंटल कमीशन को बढ़ाकर 300 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग शामिल है। इसी तरह से सेवा सहकारी समितियों के विक्रेताओं को मासिक 30 हजार रुपये मानदेय देने, मध्यान्ह भोजन, पूरक पोषण आहार, अमृत नमक, गुड़, चना, शक्कर आदि खाद्य सामग्रियों पर भी कमीशन वृद्धि कराने, वितरण के दौरान होने वाली स्वाभाविक कमी की प्रतिपूर्ति के लिए तीन प्रतिशत प्रतिशत अतिरिक्त खाद्यान्न देने, वेंडिंग मशीन की स्टेम्पिंग शुल्क माफ करने और वित्तीय पोषण राशि व ई-पॉस मशीन कमीशन का लंबित भुगतान करने की मांग शामिल है।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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