
— मुठभेड़ में गिरफ्तार हमलावर ने खोले राज
वाराणसी,13 अगस्त (Udaipur Kiran) । काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के तेलुगु विभाग के प्रोफेसर सी.एस. रामचंद्र मूर्ति पर हुए हमले की जांच में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। यह हमला किसी और ने नहीं, बल्कि विभाग के ही पूर्व एचओडी प्रो. बूदाटी वैंकटेश ने एक पूर्व शोध छात्र के सहयोग से कराया था। लंका पुलिस की टीम ने इस मामले में देर रात एक मुठभेड़ के बाद मुख्य हमलावर को गिरफ्तार किया। पूछताछ में सामने आए तथ्यों ने सभी को चौंका दिया।
—मुठभेड़ में पकड़ा गया मुख्य हमलावर
गिरफ्तार आरोपी प्रमोद कुमार उर्फ गणेश पासी, रामनगर, सिरसां थाना मेजा, जनपद प्रयागराज का निवासी है। उसे लंका थाने की पुलिस ने मंगलवार की देर शाम मुठभेड़ के बाद दबोच लिया। बुधवार को पुलिस ने उसे मीडिया के सामने पेश किया। इस दौरान डीसीपी क्राइम सरवणन टी ने मामले की विस्तृत जानकारी साझा की।
—पूर्व एचओडी ने रची साजिश
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि इस हमले की साजिश के पीछे विभाग के पूर्व प्रमुख प्रो. बूदाटी वैंकटेश का हाथ है। मुख्य आरोपी बूतपुर भाष्कर उर्फ बी. भास्कर पुत्र तिमैय्या को ट्रांजिट रिमांड पर तेलंगाना से गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में भास्कर ने बताया कि 2016 से प्रो. वैंकटेश के साथ उसका संपर्क रहा है। पहले वे आंध्र प्रदेश सेंट्रल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे और बाद में बीएचयू में आ गए। प्रो. वैंकटेश ने मई माह में भास्कर को वाराणसी बुलाया और बताया कि वर्तमान एचओडी प्रो. मूर्ति ने उनके खिलाफ शिकायत कर उन्हें पद से हटवाया है। उसी मुलाकात में कैमूर विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर काशिम भी मौजूद थे।
—वाराणसी में बनी हमले की योजना
इसके बाद भास्कर अपने साथी मोहम्मद काशिम के साथ 25 जुलाई को फ्लाइट से वाराणसी पहुंचा और एक होटल में रुका। वहीं, उनकी मुलाकात प्रमोद उर्फ गणेश पासी से हुई, जिसने अपने साथियों को बुलाकर प्रो. मूर्ति पर हमला करने की योजना बनाई। 26 और 27 जुलाई को प्रोफेसर की गतिविधियों की रेकी की गई और 28 जुलाई को बीएचयू परिसर में हमला किया गया। लोहे की रॉड से किए गए इस हमले में प्रोफेसर के दोनों हाथ टूट गए। भीड़ जुटती देख आरोपी मौके से फरार हो गए।
—शिक्षकों और छात्रों में रोष
घटना के बाद पूरे विश्वविद्यालय में आक्रोश फैल गया था। शिक्षकों और छात्रों ने हमले के विरोध में प्रदर्शन किया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्परता से जांच की और मुठभेड़ के जरिए एक आरोपी को पकड़ने में सफलता पाई।
—इस मामले में अब तक 9 नामजद
डीसीपी क्राइम ने बताया कि अब तक इस मामले में प्रो. बूदाटी वैंकटेश, सहायक प्रोफेसर काशिम बाबू, सूरज दूबे, प्रद्युम्न यादव, विशाल यादव, वेदांत भूषण मिश्रा, मोहम्मद काशिम सहित कुल 9 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। मुख्य हमलावर प्रमोद कुमार उर्फ गणेश पासी पुलिस की गिरफ्त में है, जबकि मास्टरमाइंड बूतपुर भाष्कर को ट्रांजिट रिमांड पर लाया गया है। बाकी आरोपियों की तलाश जारी है। बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में उपचार के दौरान विभागाध्यक्ष प्रो सीएस रामचंद्र मूर्ति ने पुलिस को बयान में बताया था कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है। हालांकि विभाग से मिले इनपुट और लंका थाने में दर्ज मुकदमे के आधार पर पुलिस ने गोपनीय जांच कराई। सर्विलांस और सीसी कैमरे से छानबीन की तो सच सामने आया। बीएचयू जैसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान में व्याप्त आंतरिक कलह और पेशेवर ईर्ष्या को देख लोग हैरान है।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
