
जम्मू, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran) ।
शिवसेना यूबीटी जम्मू-कश्मीर ईकाई ने जारी विधानसभा सत्र में
डेलीवेजरों की मांगों को पूरा करने के साथ लद्दाख व अन्य केंद्र शासित प्रदेशों की तर्ज पर नयूनतम दैनिक वेतन लागू करने की मांग की है।
पार्टी प्रदेश मध्यवर्ती कार्यलय में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में प्रदेश प्रमुख मनीश साहनी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के अस्थाई कर्मचारी की मांगों को लगातार नजरंदाज कर सौतेला वयवहार किया जा रहा है। उनहोंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में नयूनतम दैनिक वेतन (जम्मू-कश्मीर से अलग कर केन्द्र शासित प्रदेश बने) लद्दाख व अन्य केंद्र शासित प्रदेशों जैसे (दिल्ली, चंडीगढ़) के मुकाबले बहुत कम है। लद्दाख में अस्थाई कर्मचारियों को सेवा अवधि के अनुसार 28,950-45,300 रुपये मासिक वेतन तय किया गया है। वहीं केंद्र सरकार द्वारा तय न्यूनतम दैनिक वेतन 783-1035 रुपए है। जबकि जम्मू कश्मीर में अस्थाई कर्मचारियों का दैनिक वेतन मात्र 311-449 रुपये दिया जा रहा है।
वहीं सरकारी स्कूलों में मिड-डे-मील बनाने वाले रसोइयों को मात्र 33 रुपये रोजाना के हिसाब से 1000 रुपये मासिक वेतन निर्धारण किया गया है। साहनी ने सत्ता पक्ष व विपक्ष (भाजपा) को चुनावी के दौरान वादों की याद दिलाते हुए जारी विधानसभा सत्र में विभिन्न विभागों में तैनात अस्थाई कर्मचारियों के नियमितिकरण तथा लद्दाख व अन्य केंद्र शासित प्रदेश जैसे दिल्ली, चंडीगढ़ की तर्ज पर दैनिक वेतन देने की मांग की है।
(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता
