
– सीएसआर खर्च के मामले में रिलायंस फाउंडेशन सबसे आगे
नई दिल्ली, 6 नवंबर (Udaipur Kiran) । हुरुन रिसर्च इंस्टीट्यूट ने साल 2025 के लिए कॉरपोरेट सेक्टर के सबसे बड़े दानदाताओं और परोपकारियों की सूची एडल गिव एंड हुरुन फिलैंथ्रोपी लिस्ट- 2025 जारी कर दी है। इस सूची के मुताबिक एचसीएल टेक्नोलॉजी के संस्थापक शिव नादर और उनके परिवार ने एक बार फिर सबसे बड़े दानदाता के रूप में अपना नाम दर्ज कराया है। शिव नादर और उनका परिवार पिछले 5 साल के दौरान चार बार इस सूची में अव्वल रहा है। वहीं, कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत किए गए खर्च के मामले में रिलायंस इंडस्ट्रीज की फिलैंथ्रोपिक शाखा रिलायंस फाउंडेशन शीर्ष स्थान पर रही है।
इस संबंध में उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार एचसीएल टेक्नोलॉजी के शिव नादर और उनके परिवार ने शिव नादर फाउंडेशन के जरिये रोजाना औसतन 7.4 करोड़ रुपये के हिसाब से पिछले साल कुल 2,708 करोड़ रुपये का दान किया है। नादर फाउंडेशन के अलावा व्यक्तिगत दानदाता के रूप में भी शिव नादर परिवार 2,537 करोड़ रुपये के दान के साथ शीर्ष स्थान पर रहा।
शिव नादर फाउंडेशन मुख्य रूप से शिक्षा क्षेत्र के उत्थान के लिए दान देता है। शिक्षा क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करते हुए पिछले 5 साल में शिव नादर फाउंडेशन ने 10,122 करोड़ रुपये का दान किया है, जो किसी भी एक क्षेत्र के लिए किया गया सबसे बड़ा योगदान है।
व्यक्तिगत दानदाताओं की सूची में शिव नादर के बाद नंदन नीलेकणी 356 करोड़ रुपये के दान के साथ दूसरे स्थान पर और उनकी पत्नी रोहिणी नीलेकणी 199 करोड़ रुपये के दान के साथ तीसरे स्थान पर रहीं। इसी तरह रंजन पई 160 करोड़ रुपये के दान के साथ चौथे स्थान पर रहे।
साल 2025 के लिए जारी की गई इस सूची में 191 दानदाताओं के नाम शामिल किए गए हैं। इन दानदाताओं ने कुल 10,380 करोड़ रुपये का दान किया है। इस सूची के शीर्ष 25 दानदाताओं ने केवल तीन वर्षों में 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक का दान दिया है। साफ है कि इन दानदाताओं ने औसतन हर दिन 46 करोड़ रुपये का दान दिया।
व्यक्तिगत दान के अलावा अगर कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) की बात करें, तो मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) शीर्ष पर रही। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सीएसआर के तहत 1,309 करोड़ रुपये का दान दिया, जो उनके अनिवार्य खर्च से 261 करोड़ रुपये अधिक है। इसी तरह रुंगटा संस ने भी 181 करोड़ रुपये और जिंदल स्टील एंड पावर ने 267 करोड़ रुपये का दान देकर अपने अनिवार्य सीएसआर खर्च से काफी अधिक योगदान दिया।
एडल गिव एंड हुरुन फिलैंथ्रोपी लिस्ट- 2025 के मुताबिक इन्फोसिस के सह-संस्थापकों और उनके परिवार के सदस्यों नंदन नीलेकणि, क्रिस गोपालकृष्णन, के. दिनेश, रोहिणी नीलेकणि और कुमारी शिबूलाल ने सामूहिक रूप से इस वर्ष 850 करोड़ रुपये से अधिक का दान दिया। ये राशि प्रतिदिन औसतन 2 करोड़ रुपये से अधिक है।
इस साल की एडल गिव एंड हुरुन फिलैंथ्रोपी लिस्ट में 24 महिलाएं शामिल हैं। इनमें अपने भारी भरकम योगदान के साथ भारत की सबसे बड़ी दानदाता महिला रहीं। वहीं, बायोकोन की संस्थापक किरण मजूमदार-शॉ ने अनुसंधान और विकास के लिए 83 करोड़ रुपये का दान दिया, जबकि बीना शाह ने शिक्षा के प्रसार और उसके समर्थन में 69 करोड़ रुपये का योगदान दिया।
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(Udaipur Kiran) / योगिता पाठक