
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री बोले, आत्मनिरीक्षण करने का समय है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके
जोधपुर, 4 नवंंबर (Udaipur Kiran) । केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत मंगलवार को सूरसागर के नैणची बाग क्षेत्र में पहुंचे और फलोदी के मतोड़ा में हुए भीषण हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों से मुलाकात कर दु:ख बांटा। घायलों का हाल जाना। शेखावत ने कहा कि यह अत्यंत दु:खद और हृदय विदारक है कि एक साथ इतने सारे लोग तीर्थयात्रा से लौटते हुए काल के ग्रास बन गए। यह घटना इसलिए भी अधिक दु:खद और तकलीफ़देह है, क्योंकि निरंतर ऐसी घटनाएम पिछले कुछ समय से हो रही हैं। मैं सभी मृतकों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और उनके परिजनों के प्रति सहानुभूति प्रकट करता हूं। जो लोग अभी अस्पताल में हैं, उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं।
इससे पहले, एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में शेखावत ने कहा कि यह समय हम सभी के लिए आत्मनिरीक्षण करने का है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके। इसे रोकने के लिए, हमें ड्राइविंग जिम्मेदारी को एक जन-आंदोलन के रूप में लेना होगा। केवल कानून बना देने से या मात्र पुलिस की कार्रवाई से भविष्य में ऐसी घटनाओं को कुछ हद तक रोका जा सकता है, लेकिन पूरी तरह से नहीं। उन्होंने कहा कि हर गाड़ी चलाने वाले व्यक्ति और गाड़ी में बैठने वाले व्यक्ति को भी अपनी उत्तरदायित्वों का पालन सुनिश्चित करना होगा। इसे सुनिश्चित करने के लिए समाज को भी व्यापक दृष्टिकोण से सोचने की आवश्यकता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि घटना की सूचना मिलते ही, जिस सरकार के साथ मैं हूं, उसने त्वरित कार्रवाई की। शाम को जैसे ही घटना हुई, सूचना मिलते ही जोधपुर और दोनों जगह जिला प्रशासन तथा अस्पताल प्रशासन से बात करके जितनी तरह की व्यवस्थाएं हो सकती थीं, उन सभी को सुनिश्चित किया गया। मैं राजस्थान के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री का धन्यवाद करना चाहता हूं कि उन्होंने तुरंत संज्ञान लेकर पीड़ितों को उचित सहायता मिल सके, इस दृष्टिकोण से बड़ा निर्णय किया।
खेदजनक, कुछ लोग दुखांतिका पर कर रहे राजनीति
शेखावत ने कहा कि यह खेदजनक है कि कुछ लोग अपना इतिहास भूलकर ऐसी दुखांतिका के समय में भी राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति करने का प्रयास कर रहे हैं। मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि वे लोग वर्ष 2023 में जब ऐसी दुर्घटना हुई थी और जिसकी सरकार थी, वे अपने गिरेबान में झांककर देख लें कि उनकी सरकार ने कितनी संवेदना के साथ निर्णय लिए थे। ऐसे दु:खद अवसरों पर भी, जब हम सभी को सामूहिक रूप से बैठकर विचार करना चाहिए, लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करनी चाहिए और उनके आंसू पोंछने चाहिए, उस समय भी कुछ लोग राजनीतिक लाभ को ढूंढने की कोशिश करते हैं। मेरा मानना है कि समाज को ऐसे लोगों को निश्चित रूप से नकारना चाहिए।
(Udaipur Kiran) / सतीश