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मजबूत लिस्टिंग के बाद बिकवाली के दबाव में फिसले वशिष्ट लग्जरी फैशन के शेयर

मजबूत लिस्टिंग के बाद स्टॉक मार्केट में फिसले वशिष्ट लग्जरी फैशन के शेयर

नई दिल्ली, 15 सितंबर (Udaipur Kiran) । हैंड एंब्रायडरी वर्क और इससे जुड़ी एक्सेसरीज तथा तैयार कपड़े बना कर निर्यात करने वाली कंपनी वशिष्ठ लग्जरी फैशन के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में मजबूती के साथ एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को निराश कर दिया। हालांकि लिस्टिंग के बाद बिकवाली शुरू हो जाने के कारण कंपनी के आईपीओ निवेशकों की खुशी फीकी पड़ गई। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 111 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर इसकी लिस्टिंग 6.31 प्रतिशत प्रीमियम के साथ 118 रुपये के स्तर पर हुई। लिस्टिंग के बाद बिकवाली शुरू हो जाने के कारण कंपनी के शेयरों के भाव में गिरावट आ गई। सुबह 10:30 बजे तक कारोबार होने के बाद वशिष्ठ लग्जरी फैशन के शेयर 112.15 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहे थे। इस तरह अभी तक के कारोबार के बाद कंपनी के आईपीओ निवेशकों का मुनाफा 6.31 प्रतिशत से घट कर 1.04 प्रतिशत रह गया था।

वशिष्ठ लग्जरी फैशन का 8.87 करोड़ रुपये का आईपीओ 5 से 10 सितंबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से भी एवरेज रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 2.18 गुना सब्सक्राइब हो सका था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 1.27 गुना सब्सक्राइब हुआ था। वहीं नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में सिर्फ 2.47 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 2.16 गुना सब्सक्राइब हो सका था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 7,99,200 नए शेयर जारी किए गए हैं। आईपीओ के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी एम्ब्रॉयडरी मशीन खरीदने, पुराने कर्ज का बोझ हल्का करने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।

कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत में उतार चढ़ाव होता रहा है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 1.05 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में फिसल कर 32 लाख रुपये के स्तर पर आ गया। इसके बाद 2024-25 में कंपनी का शुद्ध लाभ उछल कर 1.42 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का राजस्व 26 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 10.88 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

इस दौरान कंपनी पर कर्ज में भी लगातार कमी आई। वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर में कंपनी का कर्ज 3.44 करोड़ रुपये, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिर में कम होकर 3.26 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर में कंपनी का कर्ज घट कर 2.07 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस अवधि में कंपनी के रिजर्व और सरप्लस की बात करें, तो यह वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी में ये 36 लाख रुपये के स्तर पर था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी में बढ़ कर 67 लाख रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी में उछल कर 3.08 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

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(Udaipur Kiran) / योगिता पाठक

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