
जयपुर, 21 सितंबर (Udaipur Kiran News) । शारदीय नवरात्र पर्व सोमवार, 22 सितंबर से आरंभ होगा। इस दौरान आमेर के शिला माता, मनसा देवी, दुर्गापुरा के दुर्गा माता, पुरानी बस्ती के रुद्र घंटेश्वरी, घाटगेट के काली माता तथा झालाना डूंगरी के प्रमुख देवी मंदिरों में शुभ मुहूर्त में घट स्थापना का शुभारंभ किया जाएगा। कनक घाटी स्थित आमेर रोड के ठिकाना मंदिर में श्री गोविंद देव जी के मातहत श्री देवी मनसा माता मंदिर में भव्य शारदीय नवरात्र महोत्सव श्रद्धालुओं की भक्ति भाव से मनाया जाएगा। इस वर्ष देवी मां हाथी पर विराजमान होकर मंदिर में पधारेंगी।
सोमवार को सुबह 8:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक घट स्थापना, श्री शारदीय दुर्गा देवी कल्पारंभ, विहित पूजा, व्रत, चण्डी पाठ, श्रृंगार, भोग, आरती एवं पुष्पांजलि संपन्न होगी। इसके बाद प्रतिदिन चण्डी पाठ, श्रृंगार, भोग, आरती और पुष्पांजलि के नियमित कार्यक्रम आयोजित होंगे।
23 से 27 सितंबर तक द्वितीया से पंचमी तक नियमित पूजा एवं पाठ होंगे। 28 सितंबर को षष्ठी के दिन सुबह 8:30 बजे षष्ठी कल्पारंभ एवं शाम 7:30 से 8:30 बजे तक अधिवास का आयोजन होगा। 29 सितंबर सप्तमी पूजा सुबह 7 बजे शुरू होगी, जिसमें चण्डी पाठ, श्रृंगार, भोग, आरती और पुष्पांजलि शामिल होंगे। 30 सितंबर को महाअष्टमी पूजा, संधि पूजन दोपहर 1:21 बजे, 108 नीलकमल अर्पण एवं बलिदान 1:45 बजे, और पूजन 2:09 बजे संपन्न होगा। इस दिन दुर्गा पाठ, श्रृंगार, भोग, आरती और पुष्पांजलि आयोजित की जाएंगी। 1 अक्टूबर को नवमी के दिन महा विशेष पूजन, कन्या पूजन, बटुक पूजन, हनुमान पूजन, पूर्णाहुति एवं पुष्पांजलि संपन्न होगी। 2 अक्टूबर को दशमी के दिन अपराजिता पूजन, घट विसर्जन तथा मां दुर्गा की डोला (झूला) पर गमन के साथ नवरात्र महोत्सव का उद्घाटन होगा।
ज्योतिषाचार्य बनवारी लाल शर्मा के अनुसार घट स्थापना के लिए प्रातःकाल का समय श्रेष्ठ माना गया है। इस वर्ष आश्विन शुक्ल प्रतिपदा सोमवार को सूर्योदय 06:19 बजे होगा। द्विस्वभाव कन्या लग्न एवं अमृत चौघड़िया 06:19 से 07:49 बजे तक घट स्थापना के लिए उत्तम माना गया है। अभिजित मुहूर्त 11:56 से 12:44 बजे भी शुभ रहेगा तथा प्रातः 09:19 से 10:49 बजे के शुभ चौघड़िये में भी घट स्थापना की जा सकती है।
गलता गेट स्थित श्री गीता गायत्री जी मंदिर में पंडित राजकुमार चतुर्वेदी के सानिध्य में प्रातः 7:11 बजे घंटे-घड़ियाल बजाकर महा आरती एवं घट स्थापना कार्यक्रम किया जाएगा। माता गीता गायत्री जी को पंचामृत और विभिन्न तीर्थ जल से अभिषेक के बाद नई लाल पोशाक धारण कराकर श्रृंगार किया जाएगा।
गोविंद देव जी मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि पूरे नवरात्र में श्रद्धालुओं के लिए पूजा, आरती और भोग के कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे।
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(Udaipur Kiran)
