RAJASTHAN

सोमवार को भक्ति भाव से मनाई जाएगी शरद पूर्णिमा

शरद पूर्णिमा का व्रत 6 अक्टूबर को: लक्ष्मी और चंद्रदेव की होगी पूजा

जयपुर, 4 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । आश्विन शुक्ल पूर्णिमा छह अक्टूबर सोमवार को शरद पूर्णिमा के रूप में मनाई जाएगी। घर और मंदिरों में खीर बनाकर चंद्रमा के प्रकाश में रखा जाएगा। मंदिरों में ठाकुरजी का धवल श्रंगार किया जाएगा। ठाकुरजी को चांदी के पात्र में खीर का भोग लगाया जाएगा।

ज्योतिषाचार्य बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि इस दिन उत्तराभाद्रपद नक्षत्र रहेगा। वृद्धि और धुव योग का संयोग बन रहा है। चंद्रमा मीन राशि में शनि के साथ रहेगा, जिससे चंद्रमा की किरणों का प्रभाव विशेष रूप से बढ़ जाएगा। पूर्णिमा तिथि 6 अक्टूबर को निशीथ एवं प्रदोष समय में व्याप्त होगी, जबकि अगले दिन 7 अक्टूबर को प्रदोष का स्पर्श नहीं रहेगा। शरद पूर्णिमा की शाम 5:34 बजे चंद्रमा उदय होगा और दूसरे दिन 7 अक्टूबर को सुबह 6:19 बजे अस्त होगा। इस वर्ष पूर्णिमा का चंद्रमा 16 कलाओं से युक्त, संपूर्ण गोलाकार एवं कटा नहीं होगा। पूर्णिमा तिथि दोपहर 12: 24 बजे से शुरू होकर अगले दिन सुबह 9:18 बजे तक रहेगी। धार्मिक मान्यता है शरद पूर्णिमा को चंद्रमा सोलह कलाओं के साथ खिलता है। उसकी किरणों से अमृत बरसता है। ऐसे में खुले आसमान में चंद्रमा को निहारना नेत्र ज्योति बढ़ाने वाला होता है।

आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में शरद पूर्णिमा महोत्सव बड़े स्तर पर मनाया जाएगा। सुबह मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में वेद मंत्रोच्चार के साथ ठाकुर श्रीजी का पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। इसके बाद सफेद रंग की पोशाक धारण कराई जाएगी। विशेष अलंकार श्रंगार और पुष्प श्रंगार किया जाएगा। शाम 7.15 से 7.30 बजे तक शरदोत्सव की विशेष झांकी दर्शन होंगे। मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि विशेष झांकी में ठाकुर श्रीजी को खीर और खीरसा का भोग लगाया जाएगा। ठाकुर श्रीजी के समक्ष शरदोत्सव में विशेष खाट सजाई जाएगी। इसमें शतरंज, चौसर की बाजी सजाई जाएगी। वहीं गाय, धूप दान, इत्र दान, पान दान से खाट को सुसज्जित किया जाएगा।

सुभाष चौक पानों का दरीबा स्थित श्री शुक संप्रदाय की प्रधान पीठ श्री सरस निकुंज में शुक संप्रदाय पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज के सान्निध्य में शरदोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। श्री सरस परिकर के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि ठाकुरजी को खीर का भोग अर्पण किया जाएगा। श्री शुक संप्रदाय के आचार्यों द्वारा रचित पदों का गायन होगा।

श्री प्रेमभाया मंडल समिति की ओर से चांदपोल बाजार के जयलाल मुंशी का रास्ता स्थित युगल कुटीर में श्री प्रेमभाया सरकार का शरद चांदनी उत्सव 6 अक्टूबर को मनाया जाएगा। समिति के अध्यक्ष दुर्गा चौधरी ने बताया कि श्री प्रेमभाया सरकार को धवल पोशाक धारण करा कर ऋतु पुष्पों से श्रृंगार किया जाएगा। प्रवक्ता लोकेश शर्मा ने बताया कि खीर का भोग लगाया जाएगा। रात्रि 8 से 11 तक भक्ति संगीत रहेगा। भक्त रास रचनाएं गाकर हाजरी लगाएंगे।

समाज श्री सीताराम जी समिति की ओर से 6 अक्टूबर को छोटी चौपड़ स्थित श्री सीताराम जी मंदिर में शरद महोत्सव बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। उत्सव शाम 7 बजे प्रारंभ होगा। रात्रि 10 बजे बाद औषधीयुक्त खीर का वितरण किया जाएगा। श्री सीताराम जी को सफेद नई पोशाक पहनाई जाएगी। ठाकुर के आगे चौपड़ पासा बिछाया जाएगा। जब चन्द्रमा मंदिर के बीच में आएगा और अपनी किरणें खीर पर डालेगा, तब ही भगवान राम एवं सीता को खीर का भोग लगाया जाएगा।

उत्सव के दौरान ठाकुर श्री सीताराम जी को रास के भजन सुनाए जाएंगे। वैद धर्मचंद खीर में दमे की औषधि मिलाकर सभी भक्तों को रात्रि 10 बजे वितरित करेंगे।

शरद पूर्णिमा पर पुरानी बस्ती स्थित गोपीनाथजी मंदिर, चौड़ा रास्ता के राधा दामोदर, मदन गोपाल, रामगंज बाजार के लाड़ली जी, गलता तीर्थ, अक्षयपात्र, अक्षरधाम, इस्कॉन मंदिर सहित अन्य सभी मंदिरों में शरद पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन होगा।

—————

(Udaipur Kiran)

Most Popular

To Top