HimachalPradesh

मंत्री की अभद्रता पर बोले शांता कुमार, ऐसे व्यक्ति को मंत्री बने रहने का अधिकार नहीं

Shanta

शिमला, 02 जुलाई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने हाल ही में प्रदेश में हुई भारी बारिश, बादल फटने और मंत्री द्वारा एक केंद्रीय अधिकारी के साथ की गई अभद्रता पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार एक ही रात में 17 स्थानों पर बादल फटे, जिससे 18 लोगों की मृत्यु हो गई और 34 लोग लापता हैं। लोग रात के अंधेरे में अपने घरों समेत बह गए।

शांता कुमार ने बुधवार काे एक बयान में कहा कि हिमाचल के इतिहास में यह भी पहली बार हुआ है कि एक राज्य के मंत्री ने एक केंद्रीय अधिकारी को सार्वजनिक रूप से पीट दिया और जब उसे बचाने एक अन्य अधिकारी आया तो उसकी भी पिटाई कर दी गई। उन्होंने कहा कि ये दोनों घटनाएं प्रदेशवासियों को झकझोरने वाली हैं।

उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार दोनों सक्रिय प्रयास कर रही हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करने में संकोच न करें। साथ ही केंद्र सरकार से भी इस आपदा की स्थिति में हिमाचल को और अधिक सहायता प्रदान करने की अपील की।

शांता कुमार ने केंद्रीय अधिकारी के साथ हुई मारपीट की घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और असामान्य बताया है। उन्होंने कहा, यदि किसी अधिकारी से गलती हुई हो तो उसकी शिकायत की जा सकती है, लेकिन इस तरह का हिंसक व्यवहार निंदनीय है। उन्होंने कहा कि इस घटना पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भी कड़ी प्रतिक्रिया देनी पड़ी, जो और अधिक दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने यह भी कहा कि नितिन गडकरी का विभाग हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य में सर्वाधिक उपयोगी और लाभदायक कार्य कर रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्रदेश की तस्वीर और तकदीर बदल रहे हैं। ऐसे में इस तरह की घटना प्रदेश की छवि को नुकसान पहुंचाती है।

शांता कुमार ने सवाल उठाया कि क्या इस तरह का आचरण करने वाला व्यक्ति मंत्री बने रहने के योग्य है? उन्होंने कहा, इस तरह का व्यवहार तो एक साधारण नागरिक से भी अपेक्षित नहीं होता। पंचायत के एक पंच से भी इस स्तर की अभद्रता की उम्मीद नहीं की जा सकती।

उन्होंने कहा कि इस घटना से पूरे प्रदेश और प्रदेश सरकार की पूरे देश में बदनामी हुई है। मुख्यमंत्री से अपेक्षा है कि वे इस पर शीघ्र और कठोर निर्णय लें। उन्होंने मांग की कि इस गंभीर विषय पर त्वरित और सख्त कार्रवाई की जाए।

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(Udaipur Kiran) शुक्ला

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