Uttar Pradesh

हृदयाघात से होने वाली मृत्यु दर को कम करेगा एसजीपीजीआई का स्टेमी केयर प्रोग्राम

लखनऊ,28 जून (Udaipur Kiran) । दिल के दौरे से होने वाली मृत्यु दर को कम करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) लखनऊ के साथ मिलकर यूपी स्टेमी केयर प्रोग्राम शुरू किया है। इसके तहत जिला अस्पताल और सीएचसी पर आये ह्रदय के मरीजों को गोल्डन ऑवर के भीतर फाइब्रिनोलिसिस शुरू कर दिया जायेगा,इसके बाद-24 घंटों के भीतर उपचार के लिए अन्य संस्थानों तक पहुंच सकते हैं। एसजीपीजीआई ने इस पहल के क्रियान्वयन में अपनी नैदानिक ​​विशेषज्ञता, अकादमिक नेतृत्व और टेलीमेडिसिन बुनियादी अधःसंरचना प्रदान करते हुए केंद्रीय भूमिका निभाई है।

शनिवार को एसजीपीजीआई में आयोजित कार्यक्रम में प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण/चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि इस कार्यक्रम की शुरुआत के साथ, उत्तर प्रदेश का लक्ष्य एसटीईएमआई से संबंधित मृत्यु दर को महत्वपूर्ण रूप से कम करना और पूरे भारत में स्केलेबल कार्डियक केयर डिलीवरी के लिए एक खाका तैयार करना है। एसजीपीजीआई के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर आरके धीमन ने इस पहल में यूपी सरकार के साथ एसजीपीजीआई की भागीदारी पर उत्साह व्यक्त किया और इस कार्यक्रम के लिए अपना पूर्ण मार्गदर्शन और समर्थन सुनिश्चित किया।

एसजीपीजीआई में कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर आदित्य कपूर ने जोर देकर कहा यह कार्यक्रम यूपी में रोके जा सकने वाली हृदय संबंधी मौतों को कम करने की दिशा में एक बड़ी छलांग है। सरकारी सहायता को चिकित्सा नवाचार के साथ जोड़कर, हम पूरे देश के लिए एक मॉडल बना रहे हैं।”

डॉ अंकित साहू, एडिशनल प्रोफेसर, कार्डियोलॉजी, ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य यूपी के दूरदराज के इलाकों में समय की दृष्टि से महत्वपूर्ण हृदय संबंधी देखभाल प्रदान करना है और यह संसाधन-विवश सेटिंग्स में एसटीईएमआई देखभाल वितरण के लिए मानक स्थापित करने की संभावना है।

ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को दिल के दौरे का सही पता लगाने और समय पर उपचार शुरू करने में सशक्त बनाया जाता है। कार्यक्रम की एक प्रमुख विशेषता हब-एंड-स्पोक मॉडल का उपयोग करके फार्माकोइनवेसिव रणनीति को अपनाना है।

(Udaipur Kiran) / बृजनंदन

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