Haryana

हिसार : सिंचाई अधिकारियों की कारस्तानी, नहरी जल में डाल रहे सीवरेज का पानी

पंपसैट लगाकर नहर में डाला जा रहा ड्रेन का पानी।

किसानों ने किया विरोध, आवाज नहीं सुनीं तो करेंगे आंदोलन

हिसार, 16 जुलाई (Udaipur Kiran) । जिले के सिंचाई विभाग के अधिकारियों की बड़ी कारस्तानी

सामने आई है। विभाग ने चार स्थानों पर पंपसेट लगाकर सीवर का पानी नहरी जल में मिलाया

जा रहा है और यह दूषित पानी हिसार व भिवानी जिले के 100 से अधिक गांवों के जल घरों

तक पहुंच रहा है।

सिंचाई विभाग के इस कार्य का बालसमंद क्षेत्र के किसान संगठनों ने कार्य का

विरोध किया है। किसानों ने उपायुक्त और सिंचाई विभाग के अधिकारियों से मिलकर इसे तुरंत

बंद करने की मांग की है।

किसान संघर्ष समिति के प्रधान सुरेंद्र आर्य ने बुधवार काे बताया कि

16 दिन की नहर बंदी के बाद सोमवार को पानी आया। मंगलवार से ही सीवर का पानी नहरों में

डाला जाने लगा। अभी तक सभी गांवों के जलघर नहीं भरे हैं। फिर भी सीवर का पानी 100 से

अधिक जलघरों तक पहुंच रहा है। किसान नेताओं ने कहा कि उन्होंने सिंचाई विभाग के साथ कई बैठकों में इस प्रोजेक्ट

का विरोध किया था। इसके बावजूद विभाग ने जानबूझकर यह कार्य शुरू कर दिया है। इस कार्रवाई

क्षेत्र के सैकड़ों गांवों को दूषित पानी की आपूर्ति हो रही है।

धीरणवास के सुरेंद्र

आर्य ने बताया कि जल घर तक आने वाली पाइपलाइन में नहर के जरिए गंदा पानी पहुंचने की

सूचना जैसे ही किसानों को मिली तो विरोध करने बालसमंद क्षेत्र के किसान नहरी विभाग

के एसई कार्यालय में पहुंचे लेकिन यहां पर सभी अधिकारी कार्यालय में नहीं मिले। किसान

नहरी विभाग के अधिकारियो से बातचीत कर उपायुक्त अनीश यादव से मिलकर इसको हटवाने का

आग्रह करेंगे। अगर सहमति नहीं बनी तो किसान विरोध में धरना प्रदर्शन कर पंपसैट को उखाड़

फेंक देंगे।

जानकारी के अनुसार बरसाती मौसम में ड्रेन में पानी का लेवल बढ़ने पर सिंचाई

विभाग ने चार जगह पंपसेट लगाकर ड्रेन के पानी को कम करना चाहा। सिंचाई विभाग के वायरल

पत्र के अनुसार चार जगह पंपसेट लगाकर दूषित पानी नहरी पानी में मिलाया जा रहा है। चौधरी

माइनर, देवसर फीडर, सरसाना माइनर और सिवानी फीडर में इस गंदे पानी को सप्लाई किया जा

रहा है।

नहरों में इस वर्ष यह पानी डालने की बात नई नहीं है। पिछले वर्ष भी सिंचाई

विभाग ने पंपसेट लगाकर नहरी पानी में ड्रेन के पानी को डाला था जिसका बालसमंद क्षेत्र

के दर्जनों किसानों ने विरोध किया। इस बार फिर सिंचाई विभाग ने ड्रेन के गंदे पानी

को नहरी पानी में डालने का कार्य किया है।

क्या बोले चिकित्सक

नागरिक अस्पताल के डॉ. सुभाष खतरेजा का कहना है कि नहरी पानी में ड्रेन का

गंदा पानी डालने से कई बीमारियां फैल सकती हैं। इन बीमारियों में मुख्य रूप से जलजनित

रोग जैसे हैजा, टाइफाइड, पेचिश जैसी बीमारियां हो सकती हैं, दूषित पानी में हेपेटाइटिस

ए और ई जैसे वायरस हो सकते हैं, जो गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं, ई. कोलाई,

साल्मोनेला जैसे बैक्टीरिया दूषित पानी में पाए जा सकते हैं, जो दस्त, उल्टी और पेट

दर्द जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं, दूषित पानी में परजीवी जैसे कि गरार्डिया और

क्रिप्टो स्पोरिडियम हो सकते हैं, जो पेट की समस्याएं पैदा कर सकते हैं।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

Most Popular

To Top