Bihar

श्रीराम सेवा संघ, पूर्णिया के तत्वादान में कटोरिया में शिवभक्तों की सेवा

श्रीराम सेवा संघ का भव्य पंडाल
संघ के हाल में खाना खाते कांवरिया
सुबह शाम चलती पूजा एवं रुद्राभिषेक

पूर्णिया, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) ।

सावन की शुरुआत होते ही भोलेनाथ के भक्तों की आस्था अपने चरम पर पहुंच गई है। इसी भक्ति भाव में डूबा है बिहार का बांका जिला, जहां कटोरिया स्थित महाशिव सेवा शिविर में श्रीराम सेवा संघ, पूर्णिया के नेतृत्व में चल रही सेवा यात्रा श्रद्धा और मानवता का अनुपम उदाहरण बन चुकी है। यह शिविर कांवरियों के लिए न केवल विश्राम स्थल है, बल्कि अध्यात्मिक ऊर्जा का भी केंद्र बन गया है। शिविर में ‘हर-हर महादेव’ की गूंज के बीच कांवरियों को तन की थकान से राहत और मन को आध्यात्मिक शांति प्राप्त हो रही है।

राणा प्रताप सिंह के नेतृत्व में चल रहा यह शिविर पूर्ण रूप से निःशुल्क सेवा पर आधारित है। यहां कांवरियों के लिए फलाहार, नाश्ता, गर्म पानी से स्नान, नींबू पानी, चाय, प्राथमिक चिकित्सा, थकान दूर करने हेतु मालिश, भजन-कीर्तन और आर्थिक सहयोग जैसी सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। यदि किसी का रूपया या सामान खो जाता है तो उसकी सहायता भी तत्परता से की जाती है। स्वयंसेवक सेवा को ही भक्ति मानते हुए दिन-रात जुटे हुए हैं। यह शिविर अब मात्र एक सेवा केंद्र नहीं, बल्कि चलता-फिरता एक आध्यात्मिक तीर्थ बन गया है, जहां सनातन धर्म की सेवा परंपरा जीवंत हो उठी है।

इस शिविर की सबसे बड़ी ताकत श्रीराम सेवा संघ के समर्पित सदस्य हैं, जो न किसी पद के मोह में बंधे हैं और न किसी वेतन के आश्रित। यहां का हर सदस्य स्वयं को इस संस्था का मालिक मानता है और पूरी ऊर्जा, श्रद्धा और संसाधनों के साथ सेवा में जुटा रहता है। ये सदस्य न केवल शारीरिक श्रम करते हैं, बल्कि अपने निजी खर्च पर आर्थिक, भौतिक और मानवीय सहायता भी उपलब्ध कराते हैं। कोई मजदूर नहीं, कोई कर्मचारी नहीं — सिर्फ निस्वार्थ सेवाभाव।

पूर्णिया से लगभग 200 किलोमीटर दूर कटोरिया जैसे स्थान पर सेवा देना ही नहीं, बल्कि राज्य के अन्य जिलों और यहां तक कि राज्य से बाहर के सदस्य भी अपने घर-परिवार से दूर रहकर भोले बाबा की सेवा में तन-मन-धन से निरंतर समर्पित रहते हैं। यही समर्पण इस शिविर को एक मिशन और श्रीराम सेवा संघ को एक जीवंत आंदोलन बनाता है।

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(Udaipur Kiran) / नंदकिशोर सिंह

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