HimachalPradesh

कालेज प्रिंसिपलों के पुनर्नियोजन पर गंभीर सवाल, शिक्षक समुदाय में भारी रोष:डा. बनीता सकलानी

बनीता सकलानी राज्य अध्यक्ष एचजीसीटीए।

मंडी, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश सरकार के वित्त विभाग की अधिसूचना के पश्चात् जारी आदेशों के बाद प्रदेश के सरकारी महाविद्यालयों में प्रिंसिपलों के पुनर्नियुक्तिकरण को लेकर गहरा असंतोष और भ्रम परिव्याप्त है। इसी मुद्दे को लेकर हिमाचल प्रदेश महाविद्यालय शिक्षक संघ ने शिक्षा सचिव एवं निर्देशक, शिक्षा विभाग को ईमेल के जरिए ज्ञापन भेजा।

हिमाचल प्रदेश महाविद्यालय शिक्षक संघ की प्रदेश अध्यक्ष बनीता सकलानी ने बताया कि अधिसूचना में प्रिंसिपलों के पुनर्नियिक्ति का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है, फिर भी कुछ प्रिंसिपल बिना विभागीय आदेशों के अपने पदों पर बने हुए हैं। इससे न केवल प्रशासनिक पारदर्शिता पर प्रश्न उठ रहे हैं, बल्कि योग्य शिक्षकों के प्रमोशन के अवसर भी बाधित हो रहे हैं | सबसे चिंताजनक तथ्य यह है कि इस तरह के प्रचलन के चलते सितम्बर माह में हुई 15 शिक्षकों की पदोन्नति आज तक अधर में लटकी हुई है। इन पदोन्नतियों पर पुनर्नियुक्त प्रिंसिपलों के कारण रोक लगी हुई है, जिससे कई शिक्षकों का भविष्य अनिश्चितता में है।

हिमाचल प्रदेश महाविद्यालय शिक्षक संघ ने आरोप लगाया है कि शिक्षा विभाग इस पूरे मामले से पूरी तरह से बेखबर बैठा हुआ है। विभाग की ओर से न तो किसी स्तर पर जांच की जा रही है, न ही कोई औपचारिक स्पष्टीकरण या दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। विभाग की यह निष्क्रियता प्रशासनिक अव्यवस्था को बढ़ा रही है । एचजीसीटीए का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में महाविद्यालय प्रिंसिपल मुख्यतः प्रशानिक कार्यों में संलग्न रहते हैं और शिक्षण गतिविधियों में उनकी सीधी भागीदारी नहीं होती । ऐसे में उन्हें शिक्ष्ण संकाय के रूप में पुन:नियुक्त करना तर्कसंगत नहीं है । साथ ही यूजीसी दिशा-निर्देशों के अनुसार, किसी प्रिंसिपल को पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद पुनः शिक्षण कार्यभार संभालना चाहिए। लेकिन हिमाचल प्रदेश राज्य में इस प्रावधान का पालन नहीं हो रहा है, जिससे नीति-स्तर पर स्पष्टता का अभाव सामने आता है। इसके अलावा भी महाविद्यालय प्रिंसिपलों को उच्च शिक्षा विभाग में पदोन्नति मिलती है । यह फिर से शिक्षण संकाय का हिस्सा होने से प्रिंसिपलों के अलग होने की पुष्टि करता है ।

उन्होंने बताया कि 2023 में महाविद्यालय के प्रिंसिपलों की पदोन्नति प्रिंसिपल पद रिक्रूटमेंट एवं प्रमोशन अधिनियम 2020 के तहत हुई है। वहीं 2017 में कार्यकारी प्रधानाचार्याें का नियमतिकरण भी उपर्युक्त 2020 में बने नियमों के तहत ही हुआ था। 2020 के नियमों में प्रिंसिपलों को शिक्षण संकाय का हिस्सा नहीं माना गया है। इसलिए भी हिमाचल प्रदेश महाविद्यालय शिक्षक संघ एचजीसीटीए का यह कहना है कि 2012 के रिक्रूटमेंट एवं प्रमोशन अधिनियमो के प्रयोजनों के अनुसार प्रिंसिपलों को शिक्षण संकाय वर्ग का हिस्सा मानना तर्कसंगत नहीं है।

एचजीसीटीए ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि करता है कि वह इस विषय पर तुरंत हस्तक्षेप करे और पुनर्नियुकतीकरण नीति की समीक्षा कर पारदर्शी, न्यायसंगत और शिक्षकों व शिक्षा व्यवस्था के हित में निर्णय ले ।बिना प्राधिकरण के जारी रहने वाले प्रिंसिपलो को हटाया जाय। एवं शीघ्र ही प्रिंसिपल पद के लिए पदोन्नत हुए शिक्षकों को नियुक्ति दी जाए।

—————

(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

Most Popular

To Top