
सिवनी, 17 सितम्बर(Udaipur Kiran News) । खरीफ सत्र में धान एवं मक्का की कटाई उपरांत नरवाई जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सिवनी जिले के कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी संस्कृति जैन ने बुधवार को प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। जारी आदेश अनुसार अब जिले में कोई भी किसान या हार्वेस्टर मालिक नरवाई में आग नहीं लगा सकेगा।
कलेक्टर कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार नरवाई जलाने से न केवल खेत की उर्वरा शक्ति प्रभावित होती है बल्कि पर्यावरण पर भी गंभीर दुष्प्रभाव पड़ते हैं। इससे खेत की मिट्टी में मौजूद सूक्ष्म जीवाणु नष्ट हो जाते हैं, उत्पादन क्षमता घटती है तथा अनियंत्रित आग से जनधन व प्राकृतिक संसाधनों का नुकसान होता है। इसके साथ ही हानिकारक गैसों का उत्सर्जन वातावरण को भी प्रदूषित करता है।
आदेश के तहत जिले में सभी हार्वेस्टर मालिकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि फसल कटाई के दौरान कंबाइन हार्वेस्टर के साथ स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम (एसएमएस) या स्ट्रा रीपर मशीन अनिवार्य रूप से उपयोग की जाए।
नरवाई जलाने की स्थिति में म.प्र. शासन पर्यावरण विभाग के निर्देशानुसार अर्थदंड लगाया जाएगा। 2 एकड़ से कम भूमि स्वामी पर 2,500 प्रति घटना, 2 से 5 एकड़ भूमि स्वामी पर 5,000 रूपये प्रति घटना, 5 एकड़ से अधिक भूमि स्वामी पर 15,000 रूपये प्रति घटना अर्थदंड दिया जायेगा।
यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत एक पक्षीय रूप से पारित किया गया है तथा तत्काल प्रभाव से जिले की सम्पूर्ण राजस्व सीमा में लागू होगा। आदेश का उल्लंघन करने पर दोषियों के विरुद्ध धारा 223 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
(Udaipur Kiran) / रवि सनोदिया
