Madhya Pradesh

सिवनीः भंडारदेव हत्या प्रकरण में आरोपी आदेश टेकाम को आजीवन कारावास

Seoni: Bhandardev murder case: Based on circumstantial and scientific evidence, accused Adesh Tekam sentenced to life imprisonment.

हत्या के चश्मदीद साक्षी मुकरे फिर भी हुई आजीवन कारावास की सजा

सिवनी, 21 नवंबर(Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के लखनादौन तहसील के आदेगांव थाना क्षेत्र के ग्राम भंडारदेव में हुई निर्मम हत्या के मामले में न्यायालय ने आरोपित आदेश टेकाम को शुक्रवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जिला न्यायालय के मीडिया प्रभारी एवं अभियोजन अधिकारी मनोज कुमार सैयाम ने बताया कि मामला 23 मार्च 2024 का है। घटना के समय घर के अन्य सदस्य खेत पर गए थे। घर में आरोपी की पत्नी राजकुमारी, भतीजी अनुराधा और दीप्ति मौजूद थीं। दोपहर करीब 4 बजे तीनों आपस में हंसी–मजाक कर रहे थे। इसी दौरान आदेश टेकाम ने पत्नी पर उस पर हंसने का आरोप लगाया। पत्नी द्वारा मना करने पर भी वह विवाद करता रहा।

थोड़ी देर बाद आदेश ने बच्चों को वहां से हट जाने को कहा। बच्चे छप्पर की ओर चले गए। तभी राजकुमारी की चीख सुनाई दी। अनुराधा और दीप्ति मौके पर पहुंचे तो राजकुमारी खून से लथपथ पड़ी थी और आदेश टेकाम हाथ में खून लगे फावड़े के साथ खड़ा था। बच्चों ने उससे फावड़ा छीना। राजकुमारी के सिर और हाथों में गंभीर चोटें थीं। मौके पर आरोपित का छोटा भाई अखिलेश पहुंचा और 108 एंबुलेंस बुलाकर राजकुमारी को लखनादौन अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। घटना के आधार पर थाना आदेगांव में अपराध क्रमांक 71/2024 धारा 307, 302 भा.दं.वि. के तहत मामला दर्ज कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। संपूर्ण विवेचना उपरान्त अभियोगपत्र विचारण हेतु न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। शासन की ओर से श्रीमति कीर्ति तिवारी, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी लखनादौन द्वारा प्रभावी पैरवी की गई।

सुनवाई के दौरान महत्वपूर्ण प्रत्यक्षदर्शी अनुराधा व दीप्ति अपने बयान से मुकर गए और घटना को छत से गिरने का मामला बताया। इसके बावजूद, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश, लखनादौन संजीव कुमार पालीवाल, ने अभिलेख में उपलब्ध परिस्थितिजन्य व वैज्ञानिक साक्ष्यों का सूक्ष्म विश्लेषण करते हुए आरोपित आदेश टेकाम को हत्या का दोषी पाया।

निर्णय में यह सिद्धांत प्रमुख रहा कि व्यक्ति झूठ बोल सकता है, परंतु परिस्थितियाँ नहीं।

न्यायालय द्वारा धारा 302 भादंवि के तहत आजीवन कारावास एवं 10,000 रुपये अर्थदंड से दंडित किया गया है।

(Udaipur Kiran) / रवि सनोदिया