Madhya Pradesh

सिवनी : भारतीय सेना के अधिकारी बने आभाष रहांगडाले

Madhya Pradesh: Abhash Rahangdale became an officer of the Indian Army.

सिवनी, 10 सिंतबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के सिवनी जिले का नाम आज गर्व से गूंज रहा है। जिले के युवा आभाष रहांगडाले ने सातवें प्रयास में भारतीय सेना में अधिकारी (लेफ्टिनेंट) बनकर असाधारण उपलब्धि हासिल की है। गत 6 सितम्बर को ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकैडमी (व्ज्।), गया से कठोर सैन्य प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उन्हें भारतीय सेना में राजपत्रित अधिकारी के रूप में कमीशन प्राप्त हुआ। यह सफलता न सिर्फ उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे जिले के लिए सम्मान का विषय है।

शिक्षा से सेवा तक का सफर

आभाष ने अपनी स्नातक की पढ़ाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (छप्ज्), भोपाल से की। इसके बाद ळ।ज्म् परीक्षा में 291वीं रैंक प्राप्त कर प्प्ज् खड़गपुर में ड.ज्मबी में प्रवेश लिया। यहां उन्हें ₹16 लाख वार्षिक का पैकेज भी ऑफर हुआ, मगर उनका मन कॉर्पाेरेट करियर में नहीं, बल्कि देश सेवा की वर्दी में था। उन्होंने आराम और सुविधाओं से भरे जीवन को ठुकराकर भारतीय सेना का कठिन रास्ता चुना।

6 बार असफलता, सातवें प्रयास में जीत

आर्मी में अधिकारी बनने की राह आसान नहीं थी। आभाष को लगातार छह बार असफलता मिली, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। सातवें प्रयास में आखिरकार उनका चयन हुआ और उन्होंने यह साबित कर दिया कि सच्चा जुनून और दृढ़ निश्चय किसी भी बाधा को पार कर सकता है।

शिक्षक माता-पिता से मिले संस्कार

आभाष के पिता दिकपाल सिंह रहांगडाले और माता रेवंता रहांगडाले, दोनों ही शिक्षक हैं। घर में मिले संस्कारों ने ही उन्हें सिखाया कि सफलता का मापदंड पैसे या पद नहीं, बल्कि समाज और देश के लिए किया गया योगदान है। इन्हीं मूल्यों ने आभाष को असली योद्धा बनाया।

कलेक्टर सुश्री जैन से आत्मीय भेंट

भारतीय सेना में अधिकारी बनने के बाद बुधवार को आभाष ने कलेक्टर संस्कृति जैन से आत्मीय भेंट की।कलेक्टर ने उन्हें सफलता की हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि उनकी यह उपलब्धि पूरे जिले के लिए गर्व का विषय है। उनका संघर्ष और लगन युवाओं को प्रेरित करने वाला है।भेंट के दौरान कलेक्टर ने उन्हें जिले की शासकीय प्राथमिक शालाओं में जनसहयोग से डेस्क उपलब्ध कराने हेतु चलाई जा रही “गिफ्ट अ डेस्क” मुहिम की जानकारी दी।

इस पर आभाष ने इस पहल की सराहना करते हुए कहाकृयह केवल एक डेस्क दान करने का कार्य नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को मजबूत करने का प्रयास है। शिक्षा की नींव तभी मजबूत होगी जब बच्चों को बुनियादी सुविधाएँ मिलें। उन्होंने जिले के सभी नागरिकों से आग्रह किया कि इस मुहिम में सक्रिय भागीदारी करें और विद्यालयों की सुविधाओं को बेहतर बनाने में योगदान दें। जब समाज मिलकर शिक्षा में निवेश करता है, तभी सच्चा विकास संभव होता है।

युवाओं के लिए संदेश

लेफ्टिनेंट आभाष रहांगडाले ने युवाओं से कहाकृ

मैंने IIT, NIT और कॉर्पाेरेट करियर को नज़दीक से देखा है, लेकिन आत्मा की तृप्ति सिर्फ वर्दी पहनकर देश की सेवा करने में है। असफलताएँ मुझे बार-बार गिराने आईं, लेकिन मेरा जुनून हर बार मुझे खड़ा करता गया। अगर आपके सपनों में देश है, तो हार का डर मन से निकाल दो। सफलता देर से मिलेगी, लेकिन जब मिलेगी तो वह पूरे समाज की होगी।

(Udaipur Kiran) / रवि सनोदिया

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