
सिवनी, 07 अक्टूबर(Udaipur Kiran News) । छिंदवाड़ा जिले में बच्चों की मौत के बाद जांच में दो कफ सिरप अवमानक पाए जाने के उपरांत सिवनी जिले में औषधि निरीक्षक दल ने जांच अभियान चलाया। कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले द्वारा गठित निरीक्षण दल ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के निर्देशन में दवा दुकानों का निरीक्षण किया।
मंगलवार को ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि छिंदवाड़ा से जांच के लिए भेजे गए 13 दवाओं के सैम्पल में से वयस्कों में उपयोग होने वाली दो सिरपकृ मंधौल सिरप (रिलाइफ) तथा रेसफिकेश टीआर सिरपकृ अवमानक पाई गई हैं। कार्रवाई के दौरान निरीक्षण दल ने फिक्स डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) वाली सिरप के छह सैम्पल भी लिए।
अमानक पाई गई सिरप के दो स्टॉकिस्ट सिवनी में पाए गए। रिलाइफ सिरप का स्टॉकिस्ट नहीं मिला जबकि रेसफिकेश टीआर का स्टॉकिस्ट गुरुकृपा मेडिकल एजेंसी और हेमंत ड्रग्स पाया गया। गुरुकृपा मेडिकल एजेंसी के यहां 134 शीशियां मिलीं, जिन्हें जब्ती बनाकर निर्माता कंपनी को लौटाने और बिक्री बंद करने के निर्देश दिए गए। हेमंत ड्रग्स के पास स्टॉक नहीं पाया गया, परंतु उसने यह सिरप कई रिटेल दुकानों को बेचा था। सभी रिटेल दुकानों को स्टॉक वापसी और विक्रय रोकने के निर्देश दिए गए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा चार वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए क्लोफेनियमाइन मेलीएट 2 मि.ग्रा. और फिनाइलफ्रिन हाइड्रोक्लोराइड 5 मि.ग्रा. फार्मूले वाली दवाओं के एफडीसी उपयोग पर चेतावनी अंकित करना अनिवार्य किया गया है। इसी लेबलिंग की जांच के लिए अभियान चलाया जा रहा है। जिन उत्पादों पर यह चेतावनी अंकित नहीं पाई जा रही, उन्हें निर्माता कंपनियों को लौटाने के निर्देश दिए गए हैं।
(Udaipur Kiran) / रवि सनोदिया
