
नैनीताल, 25 अगस्त (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड आंदोलन के दौरान तत्कालीन संयुक्त उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के मिनिस्टिीरियल कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सहित अनेकों पदों पर रहे एवं उत्तराखंड आंदोलन सहित अनेकों कर्मचारी आंदोलनों में बड़ी भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ कर्मचारी नेता एवं राज्य आंदोलनकारी जीसी उप्रेती का सोमवार को 82 वर्ष की आयु में देहावसान हो गया। वह बीते कुछ समय से उम्रगत समस्याओं से बीमार चल रहे थे। उनका अंतिम संस्कार रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट पर किया गया, जहां विभिन्न कर्मचारी एवं सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि स्वर्गीय उप्रेती ने उत्तराखंड आंदोलन के दौरान तत्कालीन संयुक्त उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के मिनिस्टिीरियल कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर रहते उत्तराखंड आंदोलन के लिये कर्मचारियों को एकजुट किया था। बाद में उत्तरांचल के रूप में पृथक राज्य बनने के बाद वह उत्तरांचल मिनिस्टीरियल फेडरेशन के प्रांतीय अध्यक्ष एवं बाद में सेवानिवृत्ति के बाद भी नैनीताल के विभिन्न कर्मचारी संगठनों के संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष रहे और नैनीताल बैंक के बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय के विरोध में निर्णायक आंदोलन की अगुवाई की, साथ ही उत्तराखंड उच्च न्यायालय के द्वारा वन विभाग के ग्लेनथॉर्न एवं कैंटन लॉज परिसरों के अधिग्रहण के विरुद्ध भी कर्मचारियों के आंदोलन का नेतृत्व किया। नगर के विभिन्न सामाजिक आंदोलनों में भी उनकी बड़ी भूमिका रहती थी।
वह वर्तमान में पेंशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भी थे। उनकी अंतिम यात्रा उनके ओक लॉज मल्लीताल स्थित आवास से दोपहर बाद रानीबाग के लिये निकली और वहां उनके लोनिवि में सहायक अभियंता के रूप में कार्यरत पुत्र प्रकाश उप्रेती एवं छोटे पुत्र राजू उप्रेती ने मुखाग्नि दी। उनकी अंतिम यात्रा में बहादुर बिष्ट, गिरीश जोशी, भगौत सिंह जंतवाल, अजय गंगोला आदि के साथ ही नैनीताल होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय बिष्ट, व्यापार मंडल के अध्यक्ष किशन नेगी आदि शामिल हुए।
(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी
