Madhya Pradesh

गुरु तेग बहादुर जी की शहादत के 350 वर्ष पर हुआ विचार गोष्ठी का आयोजन

गुरु तेग बहादुर जी की शहादत के 350 वर्ष पर समरसता सेवा संगठन किया विचार गोष्ठी का आयोजन

जबलपुर, 12 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । नवम गुरु श्री गुरु तेग बहादुर सिंह जी के 350 वें बलिदान वर्ष पर सब सबको जाने सब सबको माने के मूल मन्त्र को लेकर समरसता सेवा संगठन ने सिख सेवा जत्था जबलपुर के सहयोग से विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। उक्‍त आयोजन में महामंडलेश्वर स्वामी अखिलश्वरानन्द गिरी की अध्यक्षता, पूर्व जस्टिस एचपी सिंह का मुख्य आतिथ्य, सिख संगत के अंतरराष्ट्रीय प्रचारक सरदार गुरमीत सिंह का सारस्वत आतिथ्य रहा।

कार्यक्रम सरदार गजेंद्र सिंह बग्गा, सिख सेवा जत्था के अध्यक्ष सरदार मनमोहन सिंह, राममूर्ति मिश्रा,समरसता सेवा संगठन अध्यक्ष संदीप जैन, सचिव उज्जवल पचौरी की उपस्थिति में समन्वय सेवा केंद्र आध शंकराचार्य चौक में किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता सरदार गुरमीत सिंह ने कहा गुरु तेग बहादुर जी की शहादत को दुनिया में माना जाता है। . अपने धर्म के लिए हुतात्‍मा हो जाना अपने आप में बड़ी बात हैं और दूसरे धर्म के लिए न सिर्फ अपना बलिदान देना बल्कि अपने परिवार का उत्सर्ग कर देना यह शहादत की मिशाल है। गुरी तेग बहादुर गुरु गद्दी पर आसीन होने वाले नवम गुरु थे।

विचार गोष्ठी को सम्बोधित करते हुये मुख्य अतिथि पूर्व जस्टिस एचपी सिंह ने कहा, गुरी तेग बहादुर ने विषम परिस्थितियों में देश की रक्षा के लिए कार्य किया और अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया, गुरु तेग बहादुर का जीवन धर्म और मानवता की रक्षा के साथ सेवा और त्याग के लिए जाना जाता हैं हमें उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।

कार्यक्रम का आभार व्यक्त करते हुये संगठन के अध्यक्ष संदीप जैन ने का कहनाारहा कि ा विगत 2.5 वर्षों में समरसता सेवा संगठन ने सभी समाज के सहयोग से सब सबको जाने सब सबको माने के मंत्र को लेकर कार्य कर रहा है और हम मिलकर समरस भारत से समर्थ भारत बनाने के लिए कार्य कर रहे हैंं। आज भी गुरु तेग बहादुर जी की शहीदी दिवस पर हमने उनके कृतित्व को वक्ताओं से जाना है, सहयोग के लिए संगठन की ओर से सभी का आभार है।

कार्यक्रम की प्रस्तावना एवं स्वागत भाषण सचिव उज्जवल पचौरी ने दिया। कार्यक्रम का संचालन पं आलोक पाठक ने किया। कार्यक्रम में डॉ मनिंदर कौर शिक्षक माता गुजरी महाविद्यालय के मार्गदर्शन में गुरुमत मिशन के बच्चों द्वारा शब्द कीर्तन प्रस्तुत किया गया।

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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक

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